धनंजय के लिए महाभारत के लाक्षागृह जैसा षडयंत्र रच रहे सत्ता के लोग : श्रीकला सिंह
# जमानत मिलने के बाद बौखला उठा विपक्षी खेमा, फिर षड्यंत्र रचने में जुटे
# मतदता परछाईं बनकर खड़ा है मेरे साथ, नहीं चलेगा शकुनी और दुर्योधन का खेल
जौनपुर।
एखलाक खान
तहलका 24×7
पूर्व सांसद धनंजय सिंह को फांसने के लिए विपक्षी लोग खासकर सत्ताधारी, महाभारत के दुर्योधन और शकुनी की तरह लाक्षागृह बनाने में जुटे हैं। मेरे पति धनंजय भी इस चुनावी महाभारत में अर्जुन की तरह खड़े हैं। मुझे बहू मानकर हर मतदाता योगेश्वर श्रीकृष्ण की तरह खड़ा हो गया है। यह बात बसपा प्रत्याशी श्रीकला ने सदर विधान सभा के गांवों, कस्बों और शहरी इलाके के मोहल्लों में भ्रमण के दौरान मंगलवार को कही।
श्रीकला धनंजय सिंह मंगलवार को गुरैनी, मझाऊरा, करंजा कला, सिद्दीकपुर, खेतासराय से धर्मापुर ब्लॉक के दो दर्जन गावों, कस्बों का भ्रमण किया। उनके पहुंचते ही इलाके के लोगों की भीड़ काफिला में तब्दील नजर आई। युवा मतदाताओं और बुजुर्गों से वह सत्ता से जुड़े लोगों द्वारा अपने पति धनंजय को फिर किसी षड्यंत्र में फंसाने की दुहाई देती रहीं।
इसके लिए उन्होंने हजारों साल पुराने महाग्रंथ महाभारत के दो पात्रों दुर्योधन और शकुनी द्वारा पांडवों को मारने के लिए रचे गए षड्यंत्र लाक्षागृह का उदाहरण देती रहीं। उन्होंने कहा की इस चुनावी महाभारत में दुर्योधन और शकुनी जैसे विपक्षियों से मुकाबले के लिए मुझे मैदान में उतरना पड़ गया, मुझे ताकत आम मतदाताओं से मिल रही है।मेरे पति धनंजय को पहले मुकदमे में फंसाया, उनके जेल जाते ही इन शकुनियों को राहत मिली कि चलो इसको तो ऐसे चक्रव्यूह में फंसाया की वह निबट गया।
लेकिन उच्च न्यायालय से बेल मिलने की खबर उन्हें मिली तो बौखलाकर पूर्व सांसद को दूसरी जेल में शिफ्ट करा दिया।कहा धनंजय सिंह जमानत पर बाहर आने वाले हैं। लेकिन, मुझे आशंका है कि विपक्षी अब लाक्षागृह जैसा जाल बना रहे होंगे। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इनके पास बेरोजगारी और महंगाई का कोई जवाब नहीं है।
जनता पूछ रही और ये धनंजय को चुनाव से बाहर रखने में लगे हैं। कहा मेरे मैदान मे आते ही इन्हें अपनी हार सताने लगी है। मुझे आम जनता से झूठे वायदे करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ रही। क्योंकि, मैं और मेरे पति साल के 365 दिन आमजन के बीच होते हैं। लोगों की ज़रूरतें पूरी करते हैं। बसपा सुप्रीमो बहन मायावती की सोच को हम गांव-गांव पहुंचा रहे हैं।