27.1 C
Delhi
Friday, October 24, 2025

पं. छन्नूलाल मिश्र के निधन के बाद दो गुट में बंटा परिवार, बेटा-बेटी अलग-अलग करेंगे 13वीं का संस्कार

पं. छन्नूलाल मिश्र के निधन के बाद दो गुट में बंटा परिवार, बेटा-बेटी अलग-अलग करेंगे 13वीं का संस्कार                   

वाराणसी।
तहलका 24×7
             शास्त्री गायक पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र के निधन के बाद बहन और भाइयों के बीच विवाद देखने को मिल रहा है। पंडितजी के बेटे रामकुमार और छोटी बेटी नम्रता अलग-अलग जगह एक ही दिन तेरहवीं का आयोजन करने जा रहे हैं। रामकुमार ने जो कार्ड छपवाया है, उसमें दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार महाविद्यालय में 14 अक्टूबर को 13वीं का आयोजन करने की बात लिखी है, जबकि नम्रता मिश्रा ने अस्सी घाट पर इसी तारीख को तेरहवीं का कार्ड छपवाया है।
छन्नूलाल मिश्र के अंतिम संस्कार के तीन दिन बाद ही क्रिया कर्म पूर्ण किए जाने से बेटी नम्रता अपने भाई रामकुमार से बेहद नाराज हैं। नम्रता का कहना है कि पिताजी सनातन के हिसाब से अपना पूरा जीवन जीते थे। अंतिम समय में उनकी यही इच्छा थी कि वह सनातनी परंपरा के अनुसार ही विलीन हों। उनके मरणोपरांत समस्त अनुष्ठान पूर्ण होना चाहिए था। इसके बावजूद भैया ने पिताजी के अंतिम संस्कार को खुद न करके अपने बेटे राहुल से करवाया और त्रिरात्रि यानी तीन दिन के अंदर ही सारे क्रिया कर्म को पूर्ण कर दिया।
जबकि पिताजी कभी ऐसा चाहते ही नहीं थे, यह बेहद कष्टदायक है। नम्रता ने कहा पिताजी हमेशा चाहते थे कि उनका कार्य पूरे विधि विधान और संस्कारों के साथ हो। हम पांच भाई-बहन थे। बड़ी बहन का निधन होने के बाद अब हम चार बच्चे हैं। नियम यही कहता है कि जब किसी के पास कोई परेशानी हो, संतान न हो तो मौत के तीन दिन के अंदर समस्त अनुष्ठान करवा सकता है। जबकि पिताजी की मृत्यु के बाद अभी उनकी चार संताने हैंं। हमारा कर्तव्य बनता है कि कम से कम 13 पंडितों को बुलाकर उन्हें भोजन करवाया जाए, ताकि पिताजी की आत्मा को शांति मिले।
सनातनी परंपरा के अनुसार ही 14 अक्टूबर को बनारस में पंडितजी के आवास पर विधि विधान पूर्वक ब्रह्म भोज का आयोजन करेंगे। अपने बहन और भाइयों को भी आमंत्रित करते हैं, सभी लोग आए और पिताजी की आत्मा को शांति मिले।नम्रता का कहना है कि पिताजी के अंतिम संस्कार में 25 हजार रुपये खर्च होने की बात भाई ने कही, जो कई जगहों पर चर्चा का विषय बन गई। जब वहां खर्चा मांगा गया तो कहा कि जिसने व्यवस्था कराई है वही देगा और भुगतान भी नहीं हुआ। अगर भैया के पास इतने रुपए भी नहीं है तो लाखों रुपए खर्च करके वह ब्रह्म भोज कैसे करवाएंगे।
उनको तो इस बात पर शर्म आनी चाहिए। वहीं, पंडित रामकुमार मिश्र का कहना है कि पिताजी जब बीमार थे, तब हमारे पुत्र राहुल उनकी सेवा करते थे, तभी पिताजी ने कहा था कि मृत्यु के बाद हमारे सब काज तुम लगाना और मेरी क्रिया तीन दिन में ही खत्म कर देना, 10 दिन तक हमारी आत्मा भटकनी नहीं चाहिए।पिताजी के कहने पर पुत्र से मुखाग्नि दिलवाई और त्रिरात्रि अनुष्ठान भी संपन्न करवाया। जिस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके घर पहुंचे थे, उसकी सूचना उनको नहीं गई थी। किसी और से मिलवाकर झूठे रिश्तेदारों को पेश किया गया था।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम... "सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

गो-तस्करी के आरोप में हिस्ट्रीशीटर समेत दो गिरफ्तार

गो-तस्करी के आरोप में हिस्ट्रीशीटर समेत दो गिरफ्तार # आर्टिका कार में मिले दो बछड़े खेतासराय, जौनपुर। डॉ. सुरेश कुमार तहलका 24x7    ...

More Articles Like This