पांच की दर्दनाक मौत के बाद जागा रेलवे प्रशासन
# आज से शुरू होगा जर्जर कालोनियों को ढहाने का अभियान
लखनऊ।
तहलका 24×7
आनंदनगर की फतेहअली रेलवे कॉलोनी हादसे में पांच लोगों के जान गंवाने के बाद उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन की नींद टूटी है। सोमवार से जर्जर रेलवे कॉलोनियों को ढहाने का अभियान शुरू होगा। पहले चरण में इंजीनियरिंग विभाग, आरपीएफ व सिविल पुलिस की मदद से शांतिपुरम रेलवे कॉलोनी के सौ जर्जर आवासों को ढहाया जाएगा।
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की फतेहअली रेलवे कॉलोनी के जर्जर क्वार्टर की छत गिर जाने से लोको वर्कशॉप में संविदा सफाईकर्मी सतीश, उनकी पत्नी सलोनी व बच्चों- अंश, हर्षिता, हर्षित की मौत हो गई। घटना के बाद से रेलवे प्रशासन के हाथ-पैर फूले हुए हैं। हर तरफ से सवाल उठ रहे हैं कि निष्प्रयोज्य घोषित हो चुके आवासों में लोग कैसे रह रहे हैं? ये लोग अवैध रूप से रह रहे हैं तो किसकी शह पर? यह भी सवाल उठ रहा है कि क्यों नहीं जर्जर आवासों को तोड़ा गया? बहरहाल तीखे सवालों के बीच अब रेलवे प्रशासन कंडम हो चुके आवासों में अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ सोमवार से अभियान चलाएगा।
पहले चरण में शांतिपुरम रेलवे कॉलोनी के जर्जर आवासों को तोड़ने का सिलसिला शुरू किया जाएगा। इसके बाद फतेह अली कॉलोनी के 98 जर्जर आवासों और मुनव्वर बाग के भी कंडम आवास तोड़े जाएंगे।आरपीएफ जर्जर आवासों की सूची के इंतजार में रेलवे कॉलोनियों की देख-रेख व लेखा-जोखा इंजीनियरिंग विभाग के पास होता है। मेंटेनेंस का काम भी विभाग देखता है। पर, हादसे के बाद भी उत्तर रेलवे इंजीनियरिंग विभाग ने रेलवे कॉलोनियों में कंडम घोषित किए गए आवासों की सूची आरपीएफ को नहीं सौंपी। बताया जा रहा है कि सूची मिलने के बाद आरपीएफ मौके पर जाकर जांच करेगी कि कंडम आवासों में अवैध कब्जे हैं या नहीं। अवैध कब्जा होने पर उसे खाली कराया जाएगा। वहीं, अन्य आवासों में वास्तविक आवंटियों व रहने वालों का मिलान किया जाएगा। इसके साथ ही सभी रेलवे कॉलोनी में सत्यापन भी किया जाएगा।
# अवैध कब्जा देने वालों की तलाश
रेलवे कॉलोनियों में निष्प्रयोज्य घोषित हो चुके आवासों को किराये पर उठाने वालों की तलाश की जा रही है। हालांकि, इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों, आरपीएफ की मिलीभगत से ऐसे आवासों को किराये पर उठाया जाता रहा है। लिहाजा इस तलाश के पूरे होने व अंजाम तक पहुंचने पर भी सवाल उठ रहे हैं।