पुलिस को फर्जी वारंट भेजकर कराई युवक की गिरफ्तारी
# न्यायालय में हुआ पर्दाफाश, निर्दोष युवक जेल जाने से बचा
कानपुर।
आर एस वर्मा
तहलका 24×7
न्यायालय का फर्जी वारंट पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में भेजकर युवक की गिरफ्तारी कराई गई, लेकिन किस्मत अच्छी होने के चलते न्यायालय में साजिश का पर्दाफाश हो गया। युवक जेल जाने से बच गया और कई स्तर पर जांच-पड़ताल के बाद मंगलवार को एडीजे 14 कोर्ट के रीडर शरद कुमार चौरसिया ने रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कोतवाली में तहरीर भी दी है।
पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में 22 दिसंबर 2022 को कच्ची बस्ती निवासी सोनू राठौर के नाम का एक वारंट पहुंचा। वारंट पर अपर जिला जज 14, मुकदमा संख्या 566 सन् 2021 धारा 307 आईपीसी थाना कल्याणपुर सरकार बनाम सोनू राठौर आदि दर्ज था।
गोविंदनगर थाने की पुलिस दो जनवरी को सोनू राठौर को गिरफ्तार करके अपर जिला जज 14 अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा की अदालत में लाई। यहां जानकारी पर पता चला कि इस नाम की कोई फाइल न्यायालय में नहीं चल रही और न ही सोनू का कोई वारंट जारी हुआ। मुकदमा संख्या से जानकारी करने पर पता चला कि इस नंबर की फाइल अपर जिला जज 26 की अदालत में चल रही है लेकिन वह धारा 306 थाना महाराजपुर से संबंधित है और इसमें आरोपी विपिन उर्फ नवाब है।
फर्जी वारंट जारी होने की जानकारी पर सोनू को तो निजी मुचलके पर कोर्ट ने रिहा कर दिया। वहीं मामले की जांच शुरू की गई, तो पता चला कि वारंट कार्यालय लिपिक ने नहीं तैयार किया। उसकी राइटिंग नहीं मिली और न ही उसके हस्ताक्षर थे। वारंट पर जज के हस्ताक्षर और न्यायालय की मोहर भी फर्जी लगी थी। एडीजीसी विनोद त्रिपाठी ने बताया कि फर्जी गिरफ्तारी वारंट 22 दिसंबर 2022 को जारी किया गया। 24 दिसंबर से अदालतों में शीतकालीन अवकाश होना था। फर्जी वारंट बनाने वाले शातिर का इरादा था कि छुट्टी के दौरान सोनू की गिरफ्तारी होगी और रिमांड कोर्ट सोनू को जेल भेज देगी। 2 जनवरी को अदालत खुलने के बाद ही सोनू की रिहाई हो सकेगी।