पूर्व विधायक को उम्रकैद, हत्या के मामले में 28 साल बाद आया फैसला
सारण, छपरा।
तहलका 24×7
देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म है। वहीं सारण में पूर्व विधायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। छपरा की एमपी एमएलए कोर्ट ने मशरक के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हत्या के मामले में तारकेश्वर सिंह को यह सजा सुनाई गई। 10 दिन पहले कोर्ट ने उसे दोषी ठहराते हुए फैसला सुरक्षित रखा था।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम सह सांसद व विधायक मामले के विशेष कोर्ट के न्यायाधीश सुधीर सिन्हा ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।मसरख से तीन बार विधायक रहे तारकेश्वर प्रसाद सिंह को हत्या एवं अपहरण मामले में धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, इसके साथ ही 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। जिसे नहीं देने पर अतिरिक्त छह माह की सजा सुनाई है।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक को व्यवसाई की हत्या में दोषी पाया जिसके बाद यह फैसला सुनाया गया। मामला 1996 का है, जब पानापुर में एक व्यवसायी की हत्या कर दी गई थी। सजा को लेकर न्यायालय परिसर में तारकेश्वर प्रसाद सिंह के समर्थकों की काफी भीड़ रही। हालांकि वह खुद उपस्थि नहीं हुए जिसके कारण समर्थकों में निराशा दिखी।
सुनवाई के दौरान विशेष न्यायालय के अपर लोक अभियोजक ध्रुव देव सिंह ने अभियोजन की ओर से डॉक्टर तथा अनुसंधानकर्ता समेत कुल छह गवाहों की गवाही न्यायालय में कराई गई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता त्रियोगी नाथ सिन्हा, संजीत कुमार ने न्यायालय में अपना अपना पक्ष रखा।
बताते चलें कि 10 जनवरी 96 को पानापुर थाना क्षेत्र के तुर्की निवासी व मृतक के भाई बाबूलाल गुप्ता ने पानापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।जिसमें मशरक के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह समेत अन्य द्वारा अपने भाई का अपहरण कर हत्या कर देने का आरोप लगाते हुए उन्हें मामले में अभियुक्त बनाया था। अपहरण के दो दिन बाद शत्रुघ्न प्रसाद गुप्ता का शव मोतिहारी के डुमरिया पुल के नीचे नदी में मिला था।