मणिपुर हिंसा : स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी में एक की मौत, तीन घायल
इंफाल।
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मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं रही है। बिष्णुपुर जिले में सुरक्षाबलों के कैंप पर कुकी उग्रवादियों के हमले के एक दिन बाद दो समुदायों के स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी में एक की मौत हो गई। तीन अन्य घायल लोग हो गए। पुलिस ने बताया कि ग्राम स्वयंसेवकों के सशस्त्र कैडरों ने कांगपोकपी जिले की पहाड़ियों से इंफाल पश्चिम जिले के कौत्रुक गांव पर हमला किया।
इसके बाद सीमावर्ती गांव में तैनात स्वयंसेवकों ने जवाबी कार्रवाई की। निकटवर्ती कडांगबंद और सेनजाम चिरांग गांव भी गोलीबारी की जद में आ गया।पुलिस अधिकारी ने कहा कि गोलीबारी में ‘पम्पी’ नाम से जाने जाने वाले मोर्टार गोले का भी इस्तेमाल किया गया। इस बीच कांगपोकपी जिले की आदिवासी एकता समिति ने जिले में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए संयुक्त केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की टुकड़ी क्षेत्र में पहुंच गई है।इससे पहले बिष्णुपुर जिले में शनिवार तड़के इंडिया रिजर्व बटालियन के कैंप पर कुकी उग्रवादियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दो जवान शहीद हो गए। हमले में दो अन्य जवान घायल हुए थे। उग्रवादियों ने कैंप को निशाना बनाते हुए पहाड़ी की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी की।
उग्रवादियों ने बम भी फेंके, जिनमें एक सीआरपीएफ की 128 बटालियन की चौकी में फट गया था। सीआरपीएफ जवानों को आईआरबीएन कैंप की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। इस हमले में शहीद हुए जवानों की पहचान असम के कोकराझार जिले के निवासी सब-इंस्पेक्टर एन. सरकार और बंगाल के बांकुरा जिले के हेड कांस्टेबल अरूप सैनी के रूप में हुई है।
इंस्पेक्टर जादव दास और कांस्टेबल आफताब दास गोलियों के छर्रे लगने से घायल हैं। उग्रवादियों के हमले में सीआरपीएफ के दो जवानों की शहादत के बाद सीआरपीएफ के महानिरीक्षक अखिलेश प्रसाद सिंह ने रविवार को कहा कि बहुत जल्द हमलावरों की पहचान की जाएगी और उन्हें दंडित किया जाएगा।