मुल्क में अमन शांति की दुआ के साथ संपन्न हुआ जलसा
बच्चों को दीनी तर्बीयत देना मां-बाप की अहम जिम्मेदारी : मुफ्ती शमीम
सुईथाकलां, जौनपुर।
उपेन्द्र सिंह
तहलका 24×7
क्षेत्र के बड़ागांव स्थित जुमा मस्जिद पर आयोजित जलसा सीरतुन्नबी व मदह-ए-सहाबा का आयोजन गुरुवार की रात किया गया। जिसमें पूरी रात नबी की सीरत व उनके नाम के कसीदे पढ़े गए।जुमा मस्जिद पर आयोजित जलसा में समय से पूर्व ही भारी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा गांव को सुसज्जित लाइटों से दुल्हन की तरह सजाया गया।जलसा की शुरुआत क़ारी मसऊद अहमद ने कुरआन करीम की तिलावत से किया।
कार्यक्रम के दौरान क़ारी शराफत, क़ारी तारिक हाशिम ने हुजूर की शान में अपने नातिया कलाम से लोगों को खूब रिझाया।मौलाना मोहम्मद अतहर सुल्तानपुरी ने नबी करीम की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए बयान कर रसूल के नक्शे कदम पर चलने और उनकी सुन्नतों पर अमल करने की अपील की।मौलाना ने अपने बयान में कहा कि आपने हमेशा मोहब्बत, अमन और भाइचारे का पैगाम दिया। दुश्मनों से भी दोस्ती करके उन्हें अपना बनाया। आज पूरी दुनिया मोहम्मद (स.अ.) के इस्लाम को मानने को विवश है।कार्यक्रम संचालन मौलाना नसीम अहमद सुल्तानपुरी व अध्यक्षता जुमा मस्जिद बड़ागांव के इमाम मुफ्ती आजीज़ुल हसन ने किया।
मदरसा रियाजुल उलूम गुरैनी के मुफ्ती शमीम अहमद ने नबी की सुन्नत पर अमल कर जिंदगी गुजरने का सही तरीका बताया और लोगों को बच्चों की दिनी तर्बीयत, अच्छी सोहबत में रहने की अपील की। कार्यक्रम के अंत में मंच से नातिया कलाम पढ़ने पर पांच बच्चों को सम्मानित किया गया। जिसमें पत्रकार मोहम्मद आसिफ का पुत्र मोहम्मद काशिफ समेत कुल पांच बच्चों को सम्मानित किया गया। इसके बाद मुफ्ती शमीम ने पूरे देश के अमन शांति को लेकर दुआ मांगी। कार्यक्रम का नेतृत्व इंतजामियां कमेटी बड़ागांव जुमा मस्जिद ने किया।
इस मौके पर मौलाना राफे, मुन्ना कुरैशी, मेराज हाशमी, वारिस हाशमी, मोहम्मद आसिफ, अमीन अंसारी, निसार कुरैशी, मोइनुद्दीन सिद्दीकी, आदिल कुरैशी, हसन मेंहदी समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।