मृतक पति को इंसाफ दिलाने के लिए भटक रही विधवा
# एसपी आफिस पहुंचकर लगाई न्याय की गुहार, हत्या को आत्महत्या में बदलने का लगाया आरोप
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश योगी सरकार महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए मातृशक्ति को बढ़ावा देने में पुरुषों के बराबर कंधे से कंधा मिलकर चलने के लिए तमाम मुहिम चलाकर महिलाओं को मजबूत कर रही है। उन्हें हर क्षेत्र में बढ़ावा दे रही है, साथ ही जनता को न्याय दिलाने के लिए भी खुद कटिबद्ध है। जनता दरबार लगाकर लोगों की फरियाद सुनते हैं और उन्हें न्याय दिलाते हैं। लेकिन जौनपुर में इसका ठीक उल्टा नजारा देखने को मिल रहा है। यहां एक विधवा अपने मृतक पति को इंसाफ दिलाने के लिए न्याय के लिए एसपी आफिस पहुंची। महिला का आरोप है कि पुलिस ने उसके पति के हत्या के मामले को आत्महत्या में बदल दिया। जबकि पीड़िता का पति अस्पताल में भर्ती था तो पुलिस के द्वारा छेड़छाड़ का झूठा केस 27 जनवरी को दर्ज कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार पूरा मामला जलालपुर थाना क्षेत्र के बीबनमाऊ गांव कि रहने वाली शिल्पा मिश्रा से जुड़ा है, अपने मृतक पति आशीष को न्याय दिलाने के लिए थाने से लेकर एसपी आफिस तक का चक्कर लगा रही है। लेकिन पुलिस के द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। आरोप है कि पीड़िता के पति आशीष मिश्रा पर 26 जनवरी को कमलेश्वर मिश्रा, योगेश्वर मिश्रा, सत्येंद्र मिश्रा सहित कुल 10 लोगों ने मिलकर हमला कर दिया था। जिसके वजह वह घायल हो गए थे। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान एक फरवरी को आशीष की मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा 304 में दर्ज किया गया। लेकिन पुलिस ने बाद में उसे धारा 306 में बदल दिया।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे मृतक के भाई ने इस मामले में पुलिस के ऊपर लीपापोती का आरोप लगाते हुए बताया कि 26 जनवरी को मृतक के चाचा के द्वारा के उसके भाई की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने धारा 304 में दर्ज किया। लेकिन बाद में पुलिस धारा को हल्का करते हुए उसे 306 में बदल कर मामले को लीपापोती करने लगी है। जिसको लेकर वह अपनी विवेचना किसी और से कराना चाहते हैं। लेकिन पुलिस उसकी विवेचना को किसी और को नहीं दे रही है। जिसकी वजह से पीड़िता ने आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर पुलिस एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा को ज्ञापन दिया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। अब देखना यह होगा की पुलिस अधीक्षक से महिला को कितना न्याय मिल पाता है। क्या दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी या मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।