रामलीला मैदान में विपक्ष की दहाड़
# लोकसभा चुनाव को फिक्सिंग के प्रयास में मोदी : राहुल गांधी
नई दिल्ली।
स्पेशल डेस्क
तहलका 24×7
दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को इंडिया गठबंधन की लोकतंत्र बचाओ महारैली हुई। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन की ये पहली बड़ी रैली थी। रैली में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला के अलावा अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना पहुंचीं। इसके अलावा गठबंधन के अन्य नेता भी इसमें शामिल हुए।
तीन घंटे तक चली रैली में गठबंधन के 21 नेताओं ने लोगों को संबोधित किया। राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो इस चुनाव से पहले मैच फिक्सिंग की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने हमारी टीम से दो खिलाड़ियों को अरेस्ट करके अंदर कर दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी-आरएसएस की तुलना जहर से की है। अंत में प्रियंका गांधी ने इंडिया गठबंधन की तरफ से पांच मांगें रखीं। पांच मांगों में पहला भारत के चुनाव आयोग से इलेक्शन में सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की मांग है। दूसरी मांग है कि चुनाव आयोग को विपक्षी दलों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई को रोकना चाहिए। इसके अलावा हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल की तत्काल रिहाई, विपक्षी पार्टियों को वित्तीय रूप से कमजोर करने की कोशिशें बंद कराने और भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्डस के जरिए मिले फंड की SIT जांच की मांग शामिल है।
पंजाब के सीएम भगवंत मान भी रैली में शामिल हुए। उन्होंने कहा, देश का लोकतंत्र खतरे में है। मोदी सरकार को लगता है कि डंडे से चला लेंगे। लेकिन, ये देश किसी के बाप की जागीर नहीं है। ये देश 140 करोड़ लोगों का है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ताधारी जो दिल्ली में बैठे हैं वो अब ज्यादा दिन नहीं रहेंगे। उन्होंने तंज किया कि अगर एनडीए की सीटें 400 पार हो रही थीं तो आम आदमी पार्टी के नेता से क्यों घबराहट हो गई? उन्होंने कहा कि जिस लोकतंत्र के लिए दुनिया में भारत का सम्मान होता था, आज उसी भारत की दुनिया में किसी ने सबसे ज्यादा थू-थू करवाई है तो वो भाजपा के लोगों ने करवाई है।
राजद के तेजस्वी यादव ने कहा कि देश में अघोषित इमरजेंसी लागू हो चुकी है। देश में सबसे बड़ा कोई दुश्मन है तो बेरोजगारी है, महंगाई है, गरीबी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोई नौकरी नहीं दी, सब कुछ का निजीकरण कर दिया। हम लोगों ने बिहार में 17 महीने में पांच लाख नौकरी देने का काम किया। आज किसान तबाह हैं, युवा परेशान हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी को किसानों से मिलने का समय नहीं है। मोदी जी मिलेंगे तो प्रियंका चोपड़ा से मिलेंगे, किसानों से नहीं मिलेंगे।