शिवाजी की प्रतिमा ढही, विपक्ष ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना, भड़के इतिहासकार
मुंबई।
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महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की विशाल प्रतिमा सोमवार को ढह गई, अधिकारियों ने बताया कि 35 फुट ऊंची इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालवन के राजकोट किले में किया था। घटना के बाद विपक्षी दलों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि सरकार ने काम की गुणवत्ता पर कम ध्यान दिया। प्रतिमा ढहने का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि यह शहर में पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण हुआ है।

पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे जहां नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। इस बीच महाराष्ट्र में विपक्षी नेताओं ने काम की खराब गुणवत्ता के लिए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा। सांसद सुप्रिया सुले ने राजकोट किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की आलोचना। उन्होंने संबंधित ठेकेदार और संस्था को काली सूची में डालने की मांग की है। एनसीपी (शरद पवार) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा राज्य सरकार इस प्रतिमा के ढहने के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उसने उचित देखभाल नहीं की।

सरकार ने काम की गुणवत्ता पर ध्यान नही दिया। इसने केवल एक कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आमंत्रित किया गया।शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद इतिहासकार इंद्रजीत सावंत की पोस्ट चर्चा में आ गई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पोस्ट में कहा कि जिस समय यह मूर्ति स्थापित की गई थी, उसी समय मेरे जैसे विद्वानों ने इस मूर्ति की संरचना और मजबूती को लेकर आपत्ति जताई थी।

यह मूर्ति शिवाजी महाराज की छवि को चित्रित नहीं करती है। हमने इस बारे में एक पोस्ट लिखी और उस समय जनता के सामने आए, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। सावंत ने आगे कहा कि उन्होंने 3-4 फरवरी 2024 को फिर से वहां का दौरा किया, तो मुझे बताया गया कि मूर्ति लंबे समय तक नहीं टिकेगी।