सुल्तानपुर : किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के दो दोषियों को 20 वर्ष की सजा
सुल्तानपुर।
उपेन्द्र सिंह
तहलका 24×7
किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और फोटो व वीडियो वायरल करने के मामले में पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत के न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा ने मंगलवार को दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर 2.02 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की 75 फीसदी रकम पीड़िता को मिलेगी।
विशेष लोक अभियोजक सीएल द्विवेदी के मुताबिक कुड़वार थाने के एक गांव की 15 वर्षीय किशोरी 15 अगस्त 2022 को शाम करीब पांच बजे खेत गई थी। वहां गांव के ही आरोपी बृजेश कन्नौजिया व विकास कुमार ने किशोरी को जबरन बाग में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। आरोपियों ने फोटो व वीडियो बनाकर घटना के बारे में किसी से बताने पर शादी नहीं होने देने और परिवार वालों को जान से मारने की धमकी भी दी थी। बाद में आरोपियों ने फोटो व वीडियो वायरल कर दिया था। किशोरी के बाबा की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म करने, धमकी देने के साथ ही पॉक्सो एक्ट व आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से छह और बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह कोर्ट में पेश किया गया। मंगलवार को अदालत ने आरोपियों बृजेश कन्नौजिया व विकास कुमार को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। गैंगरेप के मामले में नामजद आरोपी बृजेश कन्नौजिया की पत्नी जानकी की गवाही बचाव पक्ष ने सफाई साक्ष्य में दर्ज कराई थी। सरकारी वकील सीएल द्विवेदी ने बताया कि जानकी ने कोर्ट में दी गवाही में पति को बेगुनाह बताया था। उसने अपनी गवाही में कहा था कि पीड़िता गांव के लड़कों से बात करती थी। इसकी शिकायत आरोपी बृजेश ने पीड़िता के पिता से की थी। इसी बात से नाराज होकर पीड़िता ने गैंगरेप की झूठी बात परिजनों को बता दी थी। हालांकि, जानकी की ओर से दी गई गवाही भी आरोपियों के लिए मददगार साबित नहीं हो सकी।
किशोरी के साथ गैंगरेप का मामला कोर्ट में 26 सितंबर 2022 को पंजीकृत किया गया था। सरकारी वकील सीएल द्विवेदी ने बताया कि कोर्ट ने त्वरित गति से महज 14 माह, दो दिन में मामले की सुनवाई पूरी कर मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है।