सुल्तानपुर : धर्म प्रत्येक व्यक्ति को सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है- अनिल पांडे
# भरत की कथा भव बन्धन से मुक्त करने की कथा है- व्यासपीठ
सूरापुर।
मुन्नू बरनवाल
तहलका 24×7
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में धर्म का होना उतना ही आवश्यक है जितना शरीर में आत्मा का होना आवश्यक है। जब तक व्यक्ति धर्मानुकूल आचरण करता है तभी तक वह मनुष्य है उक्त बातें स्वामी विवेकानंद इण्टर मीडिएट कालेज हरीपुर में चल रहे तीन दिवसीय मानस सम्मेलन के प्रथम दिन मानस वत्सल अनिल पांडेय जी ने कहा।
व्यासपीठ श्री पांडे ने कहा रावण बलवान इतना था कि कैलाश पर्वत उठा लेता था, धनवान इतना था कि सोने की लंका थी, विद्वान इतना था कि वेदों पर भाष्य करता था किन्तु चरित्रवान न होने के कारण आज भी उसका पुतला जलाया जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह ऐसा आचरण करें जिससे वह सदैव अच्छे कार्यों के लिए याद किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में धर्म के प्रति तमाम तरह की भ्रांतियां फैला कर धर्म को बदनाम किया जा रहा है जबकि धर्म प्रत्येक व्यक्ति को सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करता है।











