18 करोड़ के घोटाले में लिप्त पूर्व DDO सहित 4 क्लर्क गिरफ्तार
# वेतन और भत्तों के नाम पर फर्जीवाड़ा
ग्वालियर।
तहलका 24×7
पीएचई विभाग में करीब 18 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। वेतन और भत्तों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रुपये निकाले गए। सालों तक यह सिलसिला चलता रहा। जांच में घोटाला पकड़ में आया था। ट्रेजरी की रिपोर्ट के बाद क्राइम ब्रांच ने पंप अटेंडर हीरालाल पर सबसे पहले एफआईआर की थी।
रिपोर्ट में वर्तमान डीडीओ से लेकर पूर्व डीडीओ तक की भूमिका बताई गई थी। पहले इस रिपोर्ट के आधार पर एक और एफआईआर की जा रही थी, लेकिन बाद में इस रिपोर्ट को इसी एफआईआर की विवेचना में शामिल किया गया।
सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, इसके बाद सभी डीडीओ आरोपी बनाए गए।
इस मामले में एएसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। बता दें कि तीन महीने पहले ग्वालियर के PHE विभाग खंड क्रमांक 1 में 18 करोड़ 24 लाख रुपए के घोटाले के खुलासे के बाद पूरा महकमा हिला हुआ है। घोटाले के बाद इस मामले में क्राइम ब्रांच थाने में एफआईआर दर्ज की गई। पहली पड़ताल में PHE विभाग का बाबू हीरालाल और उसका भतीजा कंप्यूटर ऑपरेटर राहुल आर्य की भूमिका सामने आई।
# मृत कर्मचारियों की लगाते रहे अटेंडेंस
घोटाले में खुलासा हुआ था कि PHE विभाग के रिटायर्ड और लगभग 25 दिवंगत (मृत) कर्मचारियों को सरकारी रिकॉर्ड में जिंदा रखा ओर उन्हें ड्यूटी पर दर्शाते हुए उनकी अटेंडेंस लगाई जाती रही और उनका वेतन और भत्ते अपने रिश्तेदार और परिचितों के अलग-अलग 71 बैंक खातों में ट्रांसफर करते रहे। यह पूरा खेल पिछले 5 सालों से ट्रेजरी और PHE विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से चलता रहा। इस मामले में पुलिस की जांच लगातार जारी है।