50 हजार से अधिक फर्जी बने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र होंगे निरस्त
रायबरेली।
तहलका 24×7
जिले में फर्जी जन्म प्रमाण का मामला फिर से चर्चा में है। इसका कारण है कि अब जिला प्रशासन इन फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्रों को निरस्त करने जा रहा है। बता दें कि पिछले साल 17 जुलाई 2024 को यह मामला खुला था, अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या इसमें बांग्लादेशी भी शामिल हैं? भाजपा यह मुद्दा उठाती रही है।

मुख्य विकास अधिकारी अंजू लता ने बताया कि जिले में सलोन विकास खंड की 12 ग्राम पंचायतों में 52846 जन्म प्रमाण फर्जी पाए गए थे, जिन्हें निरस्त किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने शासन को इसके बारे में अवगत करा दिया था। अब सरकार व मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म मृत्यु) लखनऊ के आदेश के बाद कार्यवाही की अनुमति प्राप्त हो गई है। अब तक 250 से अधिक जन्म प्रमाण पत्र के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है।

सम्बंधित ग्राम विकास अधिकारियों को निर्देशित भी कर दिया गया है।बता दें कि डीपीआरओ सौम्यशील सिंह ने डीएम हर्षिता माथुर व सीडीओ अंजुलता के निर्देश पर विकास भवन में वार रूम बनाया है।इस वार रूम में दस कर्मचारी फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त कर रहे हैं। तत्कालीन सीडीओ अर्पित उपाध्याय ने बताया था कि मामले में शासन के निर्देश पर एटीएस जांच करने पहुंची तो जितेन्द्र यादव की जीशान के साथ मिलीभगत सामने आई थी। इसके बाद ही वीडीओ जितेन्द्र सिंह, जनसेवा केंद्र संचालक जीशान और उसके पिता रियाज को गिरफ्तार किया गया था।

जांच में सामने आया था कि सलोन ब्लॉक की छह ग्राम सभाओं में 19 हजार से ज्यादा ऐसे फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना दिए गए, जिनका इन गांवों से कभी कोई सम्बन्ध ही नहीं था।पहले सलोन ब्लॉक में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला सामने आया था। इस मामले में सभी जन्म प्रमाण पत्र यहां सहज जनसेवा केंद्र से जारी हुए थे। बाद में सामने आया कि जनसेवा केंद्र संचालक जीशान और उसका पिता रियाज ग्राम विकास अधिकारी की आईडी पासवर्ड चुराकर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करते थे।

इस मामले में वीडीओ जितेन्द्र यादव ने सलोन थाने में तहरीर भी दी थी कि उसका आईडी पासवर्ड चोरी होकर उससे फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। जांच में पाया गया कि इस गिरोह ने लगभग 50 हजार फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए थे। इसके बाद देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों को भी इनका अवैध तरीके से लाभ मिला। भाजपा ने बांग्लादेशियों के भी प्रमाण पत्र बनने का आरोप लगाया था।








