गाजीपुर : कागजों पर सिमट गया है पशु विभाग का हेल्पलाईन नंबर
खानपुर।
अंकित मिश्रा
तहलका 24×7
क्षेत्र अंतर्गत सिधौना, खानपुर, अमेहता, रामपुर, अनौनी, बहेरी, फरदहा समेत दर्जनों गावों में बेसहारा पशुओं के आतंक सें किसान त्रस्त हो चुके हैं। जबकि बेसहारा पशुओं के पुख्ता इंतजाम के लिए जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है लेकिन लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की व्यवस्थाएं केवल कागजों तक ही सीमित रह गयी है।

लाखों रूपये की लागत सें क्षेत्र में बना पशु आश्रय में उचित व्यवस्थाएं न होने से बेसहारा पशु एक तरफ दम तोड़ रहें है तो वहीं दूसरी तरफ सड़क पर बेसहारा पशु राहगीरों के साथ-साथ किसानों के लिए भी मुसीबत खड़े कर रहें है। सिधौना गाँव प्रेमशंकर मिश्रा नें बताया की बेसहारा पशुओ सें किसान त्रस्त हों चुके हैं। एक तरफ इतनी लागत लगाकर किसान खेती कर किसी तरह जीविकोपार्जन कर रहें है तो दूसरे तरफ बेसहारा पशुओं के आतंक सें फ़सल खराब हो रही है जिससे किसान परेशान हों चुके हैं।

एक तरफ जिला प्रशासन ने बेसहारा पशुओं को लेकर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है तो वह केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है। हम लोगो के शिकायतो के बाद भी अब तक सम्बन्धित विभागों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। इस सम्बन्ध में खंड विकास अधिकारी सैदपुर त्रिवेणी राम ने बताया कि क्षेत्र में कुल पांच अस्थाई गौशाला बनाया गया जिसमें एक मिर्जापुर, एक जौहरगंज, एक रामपुर, एक मौधा, एक हसनपुर बनाया गया जिसमें एक अभी लौलेहरा में बनाया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य जारी है।

वहीं इस सम्बन्ध में जब सीडीओ सैदपुर डॉ. सुनील शुक्ला से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जारी की गयी हेल्पलाइन नंबर पर की गयी शिकायतों की जानकारी जिले सें खंड विकास अधिकारी सैदपुर को दी जाती है, और उनके द्वारा हम तक शिकायतों की जानकारी मिल पाती है। सभी शिकायतों पर सम्बन्धित लोगो से बोल कार्यवाही भी की जा रही है।

अभी हाल ही में क्षेत्र के एक गाँव से मिली शिकायत पर दो गाड़ी बेसहारा पशुओं को हसनपुर स्थित अस्थाई पशुआश्रय केंद्र भेजवाया गया है। जिस गाँव में बेसहारा पशुओं की सख्या ज्यादा होती है, उस गांव के ग्राम प्रधान द्वारा सम्बन्धित विभाग सें बातकर गांव में ही अस्थाई पशुआश्रय बनवा सकते है, और उसके बजट विभाग को जिले से पास करवा सकते है।फिलहाल हेल्पलाईन नंबर पर मिले शिकायतों पर कार्यवाही की जा रही है।