न्यायाधीश रामअवतार प्रसाद ने पेश की मिसाल
# 14 दिन की न्यायिक प्रक्रिया में दुष्कर्मी सौतेले बाप को आजीवन कारावास की सजा
गाजीपुर।
तहलका 24×7
पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश रामअवतार प्रसाद ने मात्र 14 दिन की अदालती कार्रवाई में सौतेले बाप को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाकर न्याय जगत में इतिहास रच दिया।जनपद में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि अक्सर पीड़ितों को वर्षों अदालत के चक्कर काटने पड़ते हैं, वहीं न्यायाधीश रामअवतार प्रसाद ने त्वरित सुनवाई कर 14 दिन में ही फैसला सुना दिया।

विशेष लोक अभियोजक पाक्सो प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि 18 जुलाई 2025 को शादियाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में महिला अपनी मासूम बच्ची और चार वर्षीय बेटे को सौतेले बाप अशोक की देखरेख में छोड़कर खेत में धान की रोपाई करने चली गई थी। दोपहर तीन बजे जब वह घर लौटी तो उसने देखा कि बच्ची आरोपी की गोद में थी और जोर-जोर से रो रही थी।

मां ने पूछताछ की तो आरोपी चुप हो गया और बच्ची को गोद में लेने पर पूरा सच सामने आ गया। मां के सवाल करने पर आरोपी वहां से फरार हो गया। इसके बाद 27 जुलाई को पीड़िता ने थाने में लिखित तहरीर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर विवेचना पूरी की और 12 सितंबर को अदालत में चार्ज फ्रेम हुआ। 15 सितंबर से लगातार गवाही और सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद शुक्रवार को कोर्ट ने दोषी सौतेले बाप को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई।