40.1 C
Delhi
Monday, May 6, 2024

बांझ बनी गौशाला, गौवंशों से सड़कें हुई गुलजार

बांझ बनी गौशाला, गौवंशों से सड़कें हुई गुलजार

शाहगंज।
ज़ेया अनवर
तहलका 24×7
               गौसेवा एंव गौवंश सरंक्षण योगी सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना रही है जिसके लिए योगी सरकार ने युद्ध स्तर पर हर ब्लाक स्तर अस्थाई गौशाला निर्माण भी कराया था जिसमें छुट्टा गोवंशों को रखा जाता था लेकिन अब वह योजना कागजों की खुराक बन चुकी है। स्थिति यह है कि गौशालाएं बांझ बन चुकी है और सड़कें गौवंशो से गुलजार हो गई हैं।
सन 1915 में रजिस्टर्ड हुई नगर के अयोध्या मार्ग स्थित गौशाला का “तहलका 24×7” की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया। बताते हैं कि गौशाला में पूर्व में 70-80 गौवंश हुआ करते थे परंतु वर्तमान मे मात्र तीन गौवंश ही गौशाला में मिले वह भी एक छोटे और तंग स्थान मे बंधे हुए।
पूरा गौशाला परिसर व्यवसायिक रुप में प्रयोग किया जा रहा है जहां जगह-जगह मार्बल्स के लम्बे-चौड़े पत्थरों का अम्बार, कोल्ड-ड्रिंक के कैरेटों की तमाम छल्ली, अंडरग्राउंड केबिल का कई बंडल जैसे तमाम चीजें बिखरे पड़े मिले। गौशाला पर सपरिवार रहकर देख-रेख करने वाले बैजनाथ मिश्रा से इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि आपको जो कुछ पूछना है नगर के कथित नेता से पूछ सकते हैं जो लगभग 15 वर्षों से गौशाला के प्रधान हैं।
गौशाला के बाहर चाय का स्टाल, अंदर शुद्ध दूध पनीर का कथित स्टाल भी मिला जो कभी शुरू नहीं हो सका। दीवारों पर केसरिया रंग की रंगाई शायद लोगों का ध्यान भटकाने के लिए काफी है। फ़िलहाल गौशाला.. गौशाला न रहकर निजी गोदाम बना हुआ है।
एक तरफ सड़कों पर गौवंशों के छुट्टा टहलने से आये दिन दुर्घटना हो रही है वहीं गौशालों में इन छुट्टा गोवंशों के लिए जगह नहीं है। गौ संरक्षण हेतु चलाया गया अभियान भ्रष्टाचार की नग्न अग्नि में पूरी तरह भस्म हो चुका है।
गौवंश छुट्टा सड़कों पर विचरण करते मिलेंगे वहीं अपना अस्तित्व खो चुकी गौशाला में मानव मस्ती करते नजर आ रहे हैं। जमीन व पैसे की लोलुपता नगर की गौशाला की दास्तान खूब बयां कर रही है जहां 14 बीघा की बेशकीमती भूमि को मानवरुपी अजगरों ने निगलना शुरू कर दिया है।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

लाईव विजिटर्स

37260643
Total Visitors
806
Live visitors
Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम..."सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

डॉ. ऋषिकेश एचआरडी के विभागाध्यक्ष बनाये गए

डॉ. ऋषिकेश एचआरडी के विभागाध्यक्ष बनाये गए जौनपुर।  विश्व प्रकाश श्रीवास्तव  तहलका 24x7                प्रबंध अध्ययन संकाय...

More Articles Like This