सरकारी नौकरी करते 3 माह बीते, सैलरी नहीं मिली तब पता चला नियुक्ति पत्र फर्जी
राजगढ़।
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जिले में बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। शिकायत मिलने पर पुलिस ने धोखाधडी का केस दर्ज किया।
राजगढ़ एसपी ने ठगी के शिकार बेरोजगार युवकों से आगे आने की अपील की है।

मामले के अनुसार जालसाज ने राजगढ़ जिला अस्पताल के सिविल सर्जन की फर्जी हस्ताक्षर और सील लगाकर कर 12 युवकों से लाखों रुपये लेकर फर्जी नियुक्त पत्र जारी कर दिए। जिला अस्पताल में 31 मार्च 2025 तक अपनी सेवाएं देने वाली भोपाल की सिगमा इन्फोटेक कंपनी के लेटरहेड पर एक व्यक्ति ने 12 बेरोजगार लोगों से मोटी रकम लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए। इसकी जानकारी जब कंपनी के कर्मचारी को लगी तो शिकायत सिविल सर्जन से की गई। इसके बाद शिकायत कोतवाली पुलिस और एसपी से की गई।

मामले में सिविल सर्जन डॉ. नितिन पटेल ने का कहना है सिगमा इन्फोटेक कंपनी के कर्मचारी द्वारा उन्हें व्हाट्सअप पर सीएस कार्यालय से निकले नियुक्ति आदेश के संबंध में अवगत कराया। किसी जालसाज ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी नियुक्ति आदेश जारी किए। शिकायत मिलने पर पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की है।कलाखेत निवासी भूपेंद्र संजोदिया पर आरोप है कि उसने कंपनी के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर 12 लोगों से लेनदेन किया।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर कर्मचारियों को रखा जाता है, ये काम निजी एजेंसी के जरिए किया जाता है। बताया जाता है कि ये एजेंसी नौकरी देने से पहले ही बेरोजगार युवकों से 3 से 6 माह की सैलरी पहले ही ले लेती हैं। ठगी के शिकार युवकों का कहना है राजगढ़ के ही एक दलाल ने ऑफर लेटर में 18 हजार रुपए महीना सैलरी मिलने का हवाला देकर 60-60 हजार रुपये वसूल किए हैं। इसका बाकायदा ऑफर लेटर दिया जाता है।

मामले में कोतवाली प्रभारी वीर सिंह ठाकुर ने बताया निजी एजेंसी और सिविल सर्जन की ओर से शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ है। इसकी जांच की जा रही है। एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। वहीं एसपी आदित्य मिश्रा ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि इस तरह धोखाधड़ी अन्य किसी के साथ भी हुई है तो वे थाने में आकर शिकायत दर्ज कराएं।








