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Tuesday, September 16, 2025

विजय माल्या, नीरव मोदी, इकबाल मेमन के भारत आने का रास्ता साफ, ब्रिटिश टीम संतुष्ट

विजय माल्या, नीरव मोदी, इकबाल मेमन के भारत आने का रास्ता साफ, ब्रिटिश टीम संतुष्ट

नई दिल्ली।
तहलका 24×7
               ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में दिल्ली की तिहाड़ जेल का दौरा किया और जेल की स्थितियों का आकलन किया। यह दौरा विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए भारत के मामले को मजबूत करने के प्रयासों का एक हिस्सा था। वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि गृह मंत्रालय द्वारा संचालित इस दौरे को ब्रिटेन की अदालतों में चल रही कानूनी कार्यवाही में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार सीपीएस टीम कैदियों को प्रदान की जाने वाली केयर और फैसिलिटीज के स्टैंडर्ड से आम तौर पर संतुष्ट थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि अगर आवश्यक हो, तो हाई-प्रोफाइल प्रत्यर्पित व्यक्तियों के लिए तिहाड़ परिसर के भीतर एक डेडिकेटेड ‘एन्क्लेव’ स्थापित किया जा सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी स्पेसिफिक जरूरतें अंतर्राष्ट्रीय अपेक्षाओं के अनुरूप पूरी हों और उन्हें कोई खतरा न हो।
इस निरीक्षण से ब्रिटेन के अधिकारियों को अनुकूल प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है, जिससे वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में शरण लिए भगोड़ों की वापसी की कोशिश कर रहे भारतीय जांचकर्ताओं का विश्वास बढ़ेगा। लंदन स्थित सीपीएस प्रेस कार्यालय और दिल्ली स्थित ब्रिटिश कमीशन को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।एक अधिकारी ने कहा, चार सदस्यों वाली एक टीम ने जुलाई में तिहाड़ जेल का दौरा किया था, ताकि भारत सरकार की ओर से सीपीएस द्वारा चलाए जा रहे प्रत्यर्पण मामलों के लिए जेल की स्थितियों का आकलन किया जा सके।
वे उच्च सुरक्षा वार्डों सहित कैदियों को उपलब्ध सुविधाओं से काफी प्रभावित हुए और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बताया। टीम ने गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, जांच एजेंसियों और तिहाड़ जेल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की, जिसमें ब्रिटेन से संदिग्धों के प्रत्यर्पण से जुड़े विभिन्न पहलुओं और भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सीपीएस अभियोजकों की कानूनी जरूरतों पर व्यापक चर्चा की गई।
बता दें कि ब्रिटेन से जिन भगोड़ों के प्रत्यापर्ण की मांग की जा रही है, उनमें न केवल विजय माल्या और नीरव मोदी, बल्कि हथियार डीलर संजय भंडारी और कई खालिस्तानी नेता भी शामिल हैं। यह सहयोगात्मक प्रयास लंबे समय से लंबित मामलों को सुलझाने में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।

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