सूखी माइनर ने किसानों की बढ़ाई चिंता, 15 गांवों के किसानों पर संकट
खेतासराय, जौनपुर।
डॉ. सुरेश कुमार
तहलका 24×7
शारदा सहाय खंड-36 के अंतर्गत आने वाली सोंगर माइनर इस बार किसानों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। पूरे रोपाई और सिंचाई सीजन में माइनर में पानी टेल तक नहीं पहुंच पाया, जिसके कारण क्षेत्र के 15 से अधिक गांवों के किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। धान की खेती पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है।

यह माइनर गुरैनी, मानीकला, बरंगी, लखमापुर, नोनारी, भुड़कुड़हा, सलरापुर, झांसेपुर, मानीखुर्द समेत आस-पास के दर्जनों गांवों के किसानों की जीवनरेखा कही जाती है। सामान्य परिस्थितियों में किसान धान की रोपाई और सिंचाई इसी से करते हैं, लेकिन इस बार पानी का अभाव उनकी चिंता बढ़ा रहा है।मानीकलां निवासी किसान राजू गुप्ता बताते हैं कि पूरे सीजन में नहर में पानी नहीं आया।

धान की रोपाई से लेकर सिंचाई तक इंजन का सहारा लेना पड़ा, जिससे लागत कई गुना बढ़ गई। पहले जहां नहर का पानी मुफ्त में उपलब्ध होता था, वहीं अब डीजल पंप चलाकर पानी देना मजबूरी बन गया है।लखमापुर निवासी किसान गुड्डू का कहना है कि माइनर की सफाई न होने से पानी टेल तक पहुंच ही नहीं पाता। साधन के अभाव में किसानों को समय पर पानी और खाद नहीं मिल पाती। यही वजह है कि इस बार की फसल पर बुरा असर पड़ा है। स्थिति यही रही तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

किसानों का कहना है कि नहर की उपेक्षा और सफाई की कमी के चलते उनकी लागत दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। धान की खेती पहले ही मेहनत और लागत वाली होती है, ऊपर से सिंचाई के लिए निजी साधनों पर निर्भर होना किसानों की कमर तोड़ रहा है। ऐसे हालात में खेतिहर किसान खेती से हतोत्साहित हो रहे हैं।प्रभावित किसानों ने सिंचाई विभाग से तत्काल माइनर की सफाई कराकर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कराने की मांग की है।

किसानों का कहना है कि यदि समय पर पानी और खाद उपलब्ध कराया जाए तो उनकी फसलें सुरक्षित रह सकती हैं और क्षेत्र का कृषि विकास संभव हो पाएगा। सोंगर माइनर में पानी न आने से न केवल धान की फसल संकट में है, बल्कि किसानों की आजीविका भी खतरे में पड़ गई है।किसानों ने मांग की है कि प्रशासन और सिंचाई विभाग इस समस्या का शीघ्र समाधान करें, ताकि आने वाले दिनों में उन्हें फिर से ऐसे संकट का सामना न करना पड़े।