कोचिंग से किडनैप कर दुष्कर्म के आरोपी को 10 वर्ष की सश्रम कारावास
# आठ साल बाद आये फैसले पर पीड़ित परिवार ने कहा.. “देर है अंधेर नहीं”
बांदा।
तहलका 24×7
एक नाबालिग छात्रा को कोचिंग से अपहरण और दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने आरोपी को 10 साल की कठोर सजा सुनाई है। साथ ही 32 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।इस केस में 100 तारीख पड़ी और 6 जज बदले फिर 8 साल बाद यह फैसला आया। पीड़ित परिवार इस फैसले से खुश हैं और न्यायालय पर भरोसा जताते हुए कहा कि “देर है अंधेर नहीं”
बता दें, 2015 में छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने 10 साल की कठोर सजा सुनाई।दरअसल, नरैनी थाना इलाके की रहने वाली एक छात्रा गायब हो गई थी। इस मामले में चार नवंबर 2015 को पीड़ित छात्रा के पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।उन्होंने कस्बे के ही रहने वाले एक युवक पर बेटी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पुलिस को दी अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि उनकी बेटी सुबह ट्यूशन पढ़ने गई थी। इस दौरान युवक उसे बहला फुसलाकर भगा ले गया और दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पिता की शिकायत पर भादवि की धारा 363 और 366 के तहत एफआईआर दर्ज की और नाबालिग की खोजबीन शुरू कर दी थी। पुलिस को कुछ दिन बाद छात्रा को खोज निकाला। इसके बाद उसकी मेडिकल के साथ कोर्ट में सीआरपीसी 161 और 164 के तहत बयान दर्ज कराया था।
नाबालिग के बयान के बाद इस केस में भादवि की धारा 376 और 5/6 पाक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ी गई। मामला कोर्ट में ट्रायल पर आ गया लेकिन कोविड की वजह से रुक गया था। पुलिस ने विवेचना के दौरान चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। इस दौरान अभियोजन ने कोर्ट में छह गवाह पेश किए थे। पोस्को कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही 32 हजार का जुर्माना भी लगाया।
पोस्को कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता कमल सिंह गौतम ने बताया कि 2015 में थाने में शिकायत दर्ज कराया गया था। नाबालिग बेटी को एक युवक ट्यूशन पढ़ने जाने के दौरान भगा ले गया है। इसी मामले में कोर्ट ने आरोपी को दस साल की सजा सुनाई है और 32 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इस दौरान कोर्ट में लगभग 100 तारीखे पड़ी और छह जज बदले गए।