जौनपुर : अपनी सिया को प्राण प्रिया को वन-वन ढूंढे राम
# रामलीला में सीताहरण व जटायू उद्धार का हुआ मंचन
खुटहन।
मुलायम सोनी
तहलका 24×7
क्षेत्र अंतर्गत लवायन गांव में बुधवार की रात सीताहरण से जटायू उद्धार तक की रामलीला का मंचन किया गया। ब्राह्मण भिक्षु के रूप में पंचवटी से जगत जननी को धोखे से विमान में बैठाकर ले जा रहे रावण से जटायू का युद्ध देख दर्शक गीधराज की वीरता पर जयकार करने लगे।
नर लीला कर रहे परमेश्वर पंचवटी में देवी सीता को न पाकर ब्याकुल हो उठते हैं। अनुज लक्ष्मण के साथ सिया की खोज में जंगल में निकल पड़ते हैं। वह ब्याकुल होकर पेड़ पौधे, पत्तियां, भौंरो, चिड़िया से सीता के विषय में पता पूछते हैं। तभी पर्दे के पीछे से चौपाई हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी, तुम देखी सीता मृग नैनी। और अपने सिया को प्राण प्रिया को वन-वन ढूंढे राम का गीत गूंजता है। भगवान की वेदना पर सटीक बैठते गीत को सुन दर्शकों की आंखें भर आईं। वन में मुर्छित पड़े जटायू को देख प्रभु ने उन्हें गोंद में उठा लिया। गीधराज ने देवी सीता के विषय में सारी जानकारी श्रीराम को दिया।
प्रभु ने जटायू के सिर माथे पर हाथ फेरते हुए उन्हें जीवित कर देने को ज्यों कहा तो भक्तराज जटायू जवाब देते बोले, हे प्रभु जो जगत जननी की रक्षा करते हुए मूर्छित हो, उसका शरीर तीनों लोकों के रचयिता की गोंद में हो, ऐसा कोई मूर्ख ही होगा जो इस परम सौभाग्य को छोड़ जीवन की लालसा रखेगा। हे प्रभु मुझे अपनी गोद में रहते इहलोत से मुक्त कर दीजिए। जिसे देख दर्शको में अगाध प्रेम की धारा बह निकली।इस मौके पर जुगनू उपाध्याय, बंटू उपाध्याय, आशुतोष, शिवशंकर, अभय, रितिक, राजन, कल्लू, विवेक उपाध्याय आदि मौजूद रहे।