जौनपुर का था अंधेरी-कुर्ला और पुणे को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला
जौनपुर।
रविशंकर वर्मा
तहलका 24×7
मुंबई पुलिस के कंट्रोल रूम में आए एक कॉल से हड़कंप मच गया। अज्ञात कॉलर ने 24 जून को अंधेरी-कुर्ला और पुणे को बम से उड़ाने की धमकी दी। पुलिस ने जब नंबर की जांच की तो पता चला कि फोन करने वाला मुंबई से नहीं बल्कि यूपी के जौनपुर जिले का है। ऐसे में मुंबई पुलिस ने जौनपुर पुलिस से संपर्क किया। यहां की पुलिस ने आरोपी युवक को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
अंधेरी-कुर्ला और पुणे को बम धमाके से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद पुलिस महकमे में कुछ समय के लिए हड़कंप मच गया था। मुंबई पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार सुबह 10 बजे आरोपी ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया था। उसने कहा था कि उसे दो लाख रुपये की जरूरत है और यह रकम मिलने के बाद वह बम धमाके को रोक देगा। साथ ही उसने दावा किया था कि वह खुद पुणे में बम धमाके को अंजाम देने वाला है। आरोपी ने फोन पर दावा किया कि उसके बम धमाका करने के लिए दो करोड़ रुपये मिले हैं। अगर उसे दो लाख रुपये मिल जाएंगे तो वह अपने लोगों के साथ मलेशिया चला जाएगा।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि फोन करने वाला व्यक्ति यूपी के जौनपुर जिले का है। उसी आधार पर मुंबई पुलिस ने जौनपुर पुलिस से संपर्क किया। नंबर और लोकेशन आदि मिलने पर जौनपुर पुलिस ने गुरुवार रात क्राइम ब्रांच की टीम के साथ छापा मारकर नेवढ़िया थाना क्षेत्र के ईटियाबीरी गांव से आरोपी धर्मेश राजभर उर्फ राहुल पुत्र शारदा राजभर को गिरफ्तार कर लिया।
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा किए गए ट्वीट के अनुसार, मुंबई पुलिस ने बताया है कि आरोपी को पकड़कर पूछताछ की गई तो पता चला कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उसे तत्काल पैसा मिले इसलिए उसने ऐसा कृत्य किया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
जौनपुर एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने कहा कि मुंबई पुलिस के माध्यम से सूचना मिली थी। उसी आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम को भेजकर रात में आरोपी धर्मेश राजभर को गिरफ्तार करके मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया। मुंबई के अंधेरी सहित तीन शहरों में बम धमाके की धमकी देने वाले धर्मेश के पिता शारदा मजदूरी करते हैं। अपने माता-पिता की तीन संतानों में इकलौता पुत्र धर्मेश महज सातवीं तक पढ़ा है। उसके पिता ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं होने के कारण धर्मेश की पढ़ाई केवल सातवीं तक ही हो सकी। उसके बाद वह भी काम में हाथ बंटाने लगाया। बताया कि क्षेत्र के अन्य युवकों के साथ वह भी मुंबई में रहकर मेहनत मजदूरी करता था। करीब एक महीने पहले ही घर आया था। पिता ने बताया कि एक पुत्री की शादी कर चुके हैं। दूसरी धर्मेश से छोटी है। अभी धर्मेश की भी शादी नहीं हुई है।