दिन भर चले सियासी भूचाल पर बोले धनंजय : तीन बार धोखा दे चुकी हैं बहन जी
# जेल में ही पत्नी को आगाह कर दिया था, बसपा से संभल कर रहें
जौनपुर।
एखलाक खान
तहलका 24×7
जिले की बहुचर्चित लोकसभा सीट जौनपुर 73 में रविवार से चल रहा सियासी तूफान सोमवार की दोपहर तीन बजे तक थम गया। धनंजय सिंह का मैदान में आना, उनको सजा, जेल जाना, फिर पत्नी श्रीकला धनंजय का बहुजन समाज पार्टी से मैदान में उतरना और ऐन वक़्त पर टिकट कट जाना… जिले की सियासत में तूफान रुकने के बाद भी अब तक भूचाल मचा हुआ है ।
धनंजय के स्वयं लड़ने से इनकार का आरोप लगाने वाले बसपा नेताओं को जवाब देने के लिए मीडिया के सामने आए पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने खुलकर बात की। हालांकि, उन्होंने चुनाव लड़ने या न लड़ने के सवाल पर निर्णय अपनी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला धनंजय पर छोड़ दिया। धनंजय ने कहा कि समर्थक आहत हैं, उनके साथ बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा।
धनंजय सिंह ने कहा कि बसपा का दामन थामने के बाद तीन बार मेरे साथ धोखा किया गया। प्रदेश में बसपा सरकार रहने पर जौनपुर में प्रवेश पर बहन मायावती ने जिले में धारा 144 लगाकर मुझे रोकने का प्रयास किया। बावजूद इसके मैं पहुंचा और भारी समर्थकों के बीच कार्यक्रम भी किया। उन्होंने कहा कि बसपा के पास कोई उम्मीदवार नहीं था, जेल जाने के बाद उनकी पार्टी के लोगों ने मेरे घर पहुंचकर मेरी पत्नी पर चुनाव लड़ने का दबाव बनाया।
जेल में मुझसे मिलने पहुंची पत्नी श्रीकला ने मुझे बसपा से ऑफर मिलने की बात बताई, तभी मैंने साफ शब्दों में बता दिया था कि मैं तीन बार ठगा जा चुका हूं, आप सोच समझकर और संभलकर जाएं, उनका कोई भरोसा नहीं है। जोनल को-आर्डिनेटर के टिकट वापस करने के बयान पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने जहां-जहां से टिकट काटकर प्रत्याशी बदला है, वहां पर बहुजन समाज पार्टी के किसी जिम्मेदार ने कोई बयान क्यों नहीं दिया।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कहा कि चुनाव पत्नी को लड़ना है। समर्थकों में निराशा है। अपनों के साथ बैठक कर और पत्नी की इच्छा पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जनता के बीच जाना है या नहीं, इस पर विचार मंथन किया जाएगा। पूर्व सांसद ने कहा कि जनहित के मुद्दों पर लड़ाई जारी रहेगी, चाहे उसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े।