भगवान शक्ति से नही, भक्ति से मिलते है : प्रमोद महाराज
# सात दिवसीय कथा के समापन पर हुआ भंडारा
पिंडरा, वाराणसी
जितेन्द्र जायसवाल
तहलका 24×7
भगवान हर घर और दिल में रहते हैं बस उन्हें पवित्र और अंतः मन से ध्यान करने की जरूरत है। भगवान भक्ति से मिलते है शक्ति से नही। उक्त प्रवचन शुक्रवार को कथा के अंतिम दिन पूज्य सन्त प्रमोद दास जी महाराज ने कही।
सन्त नारायण बाबा पब्लिक इण्टर कॉलेज खालिसपुर में आयोजित श्रीमद भागवत महापुराण कथा के समापन दिवस में कृष्ण सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहाकि मित्रता धन से नही बल्कि भाव से होती है, वही टिकाऊ होती है।
श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता भी भाव और प्रेम की थी। कथा के अंत मे आरती के बाद विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। संचालन हेमंत मिश्रा ने किया।
इस दौरान सिद्धार्थ राय, विनय सिंह हिटलर, उमेश सिंह, अशोक राय, राजीव किरण, ओमकार मिश्र, श्याम सिंह, कामेश्वर मिश्र, विवेक मिश्र, गोपाल अवस्थी, ओमप्रकाश दुबे, प्रमोद सिंह समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहकर कथा का रसपान किए।