लखनऊ : मुसलमान साम्प्रदायिकता से बचें और ज्यादा से ज्यादा खोलें इस्लामी शिक्षा के स्कूल
# विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित सुन्नी इंटर कालेज में आयोजित कार्यक्रम में बोले मौलाना अरशद मदनी
लखनऊ।
तहलका 24×7
जमीयत उलमा के जलसे में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि साम्प्रदायिकता की वजह से एक बार हमारा देश टूट चुका है इसलिए साम्प्रदायिकता फैलाने वालों से दूरी बनाकर रखें। उन्होंने कहा कि हम एक ही मां-बाप की औलाद हैं इसलिए किसी के साथ भी भेदभाव का बर्ताव न करें। मौलाना अरशद का मदनी गुरुवार को विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित सुन्नी इंटर कालेज में आयोजित जमीयत उलमा से जुड़े उत्तर प्रदेश के 37 जिलों से आये सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।
मौलाना ने कहा कि साम्प्रदायिकता से देश को नुकसान होता है। साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाले लोग देश के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि हमें हमारे बुजुर्गों ने अपने हमवतनी भाइयों के साथ मोहब्बत से रहने का हुक्म दिया और हम हमेशा मोहब्बत को बढ़ाने में ही लगे हैं। जमीयत उलमा के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा स्कूल बनाने की जरूरत है। आठवीं क्लास के बाद लड़कियों के अलग स्कूल बनाने की जरूरत है क्योंकि लड़कियों को धर्मांतरण का शिकार बनाया जा रहा है।
मौलाना अशफाक ने जलसे में आठ प्रस्ताव पेश किये, जिन्हें सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। पहले प्रस्ताव में कहा गया कि साम्प्रदायिकता से देश को नुकसान होता है इसलिए इसका किसी भी हाल में समर्थन न किया जाए और देश में सभी को जोड़ने की कोशिश की जाए। दूसरा प्रस्ताव शिक्षा को लेकर आया। इसमें कहा गया कि इस्लामी शिक्षा देने वाले ज्यादा से ज्यादा स्कूल स्थापित किये जाएं। आठवीं कक्षा के बाद लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल हों। प्रस्ताव में कहा गया कि वोट डालना हमारी जिम्मेदारी है। अपने लोकतंत्र को जिन्दा रखने के लिए सभी का वोट डालना जरूरी है।