लोकार्पण के बाद भी नही चालू हो सका अग्निशमन केंद्र, सुविधा के आभाव में लगा है ताला
खेतासराय, जौनपुर।
अजीम सिद्दीकी
तहलका 24×7
ढाई वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नौली गांव स्थित गुजरताल पर बना अग्निशमन केंद्र चालू नहीं हो सका है। आनन-फानन में उसका लोकार्पण तो कर दिया गया। लेकिन नव-निर्मित भवन सुविधा के अभाव में धूल फांक रहा है।
खेतासराय-खुटहन मुख्य मार्ग पर नौली ग्रामसभा के गुजरताल के समीप दो यूनिट अग्निशमन केन्द्र का शिलायन्स करीब ढाई साल पहले राज्यमंत्री गिरीशचन्द्र यादव ने अपने पहले कार्यकाल में किया था। तब क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गयी, कहा कि अब किसी भी आग की घटना से बचा जा सकता है।फसलें जलकर नष्ट होती है, किसानों की भारी क्षति होती है। अब उससे बचा जा सकता है। जौनपुर मुख्यालय से दमकल आने में काफी समय लगता था।
रेलवे क्रासिंग बन्द मिली तो समय से दमकल पहुंच नहीं पाता था। तब तक सब कुछ आग अपनी आगोश में ले लेती थी। जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार में जिले के इकलौते राज्यमंत्री ने लगभग ढाई साल पहले गुजरताल पर दो यूनिट फायर ब्रिगेड की सौगात क्षेत्रवासियों को दिया, लेकिन अभी तक यह आम जनमानस की सेवा के लिए तैयार नहीं हो सका।
जो सुविधा के अभाव में संचालित नही हो सका। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए आनन-फानन में लोकापर्ण कर दिया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि बिल्डिंग बनकर तैयार है अभी तक न तो मुख्य मार्ग से केन्द्र तक दमकल पहुंचने के लिए सड़क बनी, न ही फायर ब्रिगेड की कोई गाड़ी है और न ही किसी कर्मचारी की तैनाती हुई है।
# 986.83 लाख की लागत से बना अग्निशमन केंद्र बना शो पीस
क्षेत्र के गुजरताल पर बने अग्निशमन केंद्र का शिलान्यास अगस्त 2021 में मंत्री गिरीशचन्द्र यादव ने अपने पहले कार्यकाल में ही किया था।जिसकी लागत 986.83 लाख रुपये थी। तब से लेकर अब आज तक लगभग ढाई साल का समय बीत गया लेकिन अभी तक मुकम्मल नहीं हो पाया है। सिर्फ बिल्डिंग बनकर तैयार है। बाकी सुविधा के नाम पर शून्य है।
बिल्डिंग तैयार होते ही राज्यमंत्री गिरीशचन्द्र यादव ने आगामी चुनाव को देखते हुए चुनावी क्रेडिट लेने के लिए लोकापर्ण तो कर दिया सुविधा मुकम्मल नही जिसके कारण केंद्र संचालित नही हो सका।अग्निशमन निर्माण के ठेकेदार ने बताया कि निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ी और कर्मचारी की तैनाती न होने से चालू नहीं हो सका है।