सम्पूर्ण मानव के साथ आत्मीय संबंध स्थापित करती है भारतीय संस्कृति- ज्ञानेन्द्र रवि
# ऋषिराज सिंह महाविद्यालय में हुई संगोष्ठी
सुल्तानपुर।
मुन्नू बरनवाल
तहलका 24×7
‘भारतीय संस्कृति सम्पूर्ण मानव के साथ आत्मीय संबंध स्थापित करती है। भारतीय संस्कृति जीवन के समस्त आयामों में विस्तार पाने वाली प्रणाली है। इस संस्कृति में युगानुकूल व देशानुकूल परिवर्तनों को स्वीकार करते हुए अपनी नित्य जीवन दृष्टि को संरक्षित करने की क्षमता है।’ उक्त बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहीं। वह ऋषिराज सिंह महाविद्यालय कटका में भारतीय संस्कृति और उसका गौरवशाली इतिहास विषय पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।

ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने भारतीय संस्कृति के विविध रूपों की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया की अन्य संस्कृतियां वाह्य या भौतिक जगत पर अधिक केंद्रित रहीं जबकि भारतीय संस्कृति भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक विकास के शिखर पर पहुंची। विषय प्रवर्तन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमाधिकारी डॉ कुलदीपक पाण्डेय ने कहा कि आज भारतीय संस्कृति अनेक कारकों से प्रभावित हो रही है। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ विनोद यादव ने कहा कि भारत की गौरवशाली परंपरा को संजोये रखने की जरूरत है।

संचालन पुस्तकालय प्रभारी विनोद श्रीवास्तव व आभार ज्ञापन भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार ने किया। इस अवसर पर निशांत सिंह, प्रतिभा सिंह, राजलक्ष्मी सिंह, सुशील यादव, अंकुर सिंह, अमर त्रिपाठी व राजेश वर्मा समेत अनेक प्रमुख लोग मौजूद रहे। सरस्वती पूजन से शुरु हुई संगोष्ठी में प्राचार्य ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।