42.8 C
Delhi
Saturday, May 18, 2024

सौभाग्यवती स्त्रियों के पर्व करवाचौथ पर तहलका 24×7 विशेषांक ! 

सौभाग्यवती स्त्रियों के पर्व करवाचौथ पर तहलका 24×7 विशेषांक ! 

स्पेशल डेस्क। 
राजकुमार अश्क 
तहलका 24×7 
          सर्वप्रथम तहलका 24×7 न्यूज़ की तरफ़ से सभी माताओं-बहनों को करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेरों बधाई… यूं तो भारत भूमि को त्योहारों, पर्वो एवं उत्सवों की भूमि कहा जाता है यहाँ पर साल में जितने महीने नहीं होतें है उससे ज़्यादा त्योहार होतें है। मगर कुछ खास पर्व होतें है जिनका अपना अलग ही महत्व होता है। व्रत- उपवास से सम्बन्धित जितने भी पर्व होतें है लगभग सभी पर्व स्त्रियों के लिए बनाए गये है, इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि स्त्रियों के अंदर ईश्वर ने त्याग, समर्पण आदि जैसे अनेको गुण अधिक होते हैं। इसी प्रकार एक व्रत है करवाचौथ जिसमें एक स्त्री अपने पति की लम्बी आयु के लिए उपवास रख कर भगवान से प्रार्थना करती है।

# करवाचौथ का धार्मिक प्रसंग

प्राचीन समय में करवा नामक एक सती देवी अपने पति के साथ तुंगभद्रा नामक नदी के किनारे सुख पूर्वक अपना जीवन यापन कर रही थी, वह अत्यंत ही धार्मिक प्रवृत्ति की सती थी जिस कारण उस पर ईश्वर की विशेष कृपा थी। करवा के पति प्रतिदिन तुंगभद्रा नदी में स्नान करके भगवान की पूजा पाठ किया थें, नित्य की भातिं एक दिन जब वह नदी में स्नान करने गयें तभी एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और नदी की बीच धारा में खिंचने लगा, अपने प्राण पर बन आए संकट को भांप कर वो अपनी मदद के लिए अपनी पत्नी करवा को बुलाने लगे, करवा ने जब अपने पति को संकट मे देखा तो उसने अपने सतीत्व के बल से कच्चे धागे से मगरमच्छ को बांध दिया, मगर तब भी करवा के पति का संकट दूर नहीं हुआ, उसने अपने तप से यमराज का आह्वान किया।
और कहा कि आप मेरे पति के प्राणों की रक्षा कीजिये और इस मगरमच्छ को यमलोक भेजिए मगर यमराज ने ऐसा करने में अपनी विवशता जताते हुए कहा कि तुम्हारे पति की आयु पूरी हो चुकी है जबकि मगरमच्छ की आयु अभी बची है इस कारण ऐसा करना मेरे लिए संभव नहीं है। मगर करवा ने हार नहीं मानी, उसने कहा कि अगर आपने ऐसा नहीं किया तो मैं अपने सतीत्व के बल से आपको भी बांध सकती हूँ यमराज को सावित्री की बात याद आ गयी कि किस प्रकार उसने अपने सतीत्व के बल पर अपने पति सत्यवान की जान बचाई थी, यमराज को करवा की बात माननी पड़ी उन्होंने मगरमच्छ को नरक लोक भेज कर करवा के पति की रक्षा की और उसके सतीत्व को देखकर उसे अनेकों वरदान देते हुए कहा कि आज के बाद जो भी स्त्री पूरे मन से तुम्हारी पूजा करेगी उसके पति की कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होगी तभी से यह परम्परा चली आ रही है। 

# क्यो दिया जाता है चंद्रमा को अर्ध्य

विश्व पुरोहित परिषद के ज्योतिषविद् विपिन पांडेय के अनुसार करवाचौथ व्रत में चंद्रमा की पूजा का धार्मिक एवं वैज्ञानिक दोनों आधार है। वेदों में चंद्रमा को मन का कारक एवं औषधियो को संरक्षित करने वाला बताया गया है, कार्तिक मास में औषधियों में गुणों का विकास अत्यधिक होता है इस व्रत में चंद्रमा को अर्ध्य देने का तात्पर्य यह है मानव चंद्रमा के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता है। चंद्रमा की शीतलता से मानव के जीवन में सौम्यता, आयु, निरोगी काया की प्राप्ति होती है।

# मिट्टी का ही करवा क्यों

भारतीय संस्कृति के अनुसार प्रकृति द्वारा प्रदान की गई प्रत्येक वस्तु का अपना महत्व होता है ठीक उसी प्रकार मिट्टी का भी अपना महत्वपूर्ण स्थान है, मिट्टी का ही करवा क्यों लिया जाता है इसके पीछे धार्मिक कारण यह है कि मिट्टी का करवा पंच तत्व का प्रतीक माना जाता है, मिट्टी को पानी में भीगा कर बनाया जाता है जो भूमि और जल तत्व का प्रतीक है, धूप और हवा में सुखाया जाता है कि आकाश और वायु का प्रतीक माना जाता है, और सबसे अंत में अग्नि में तपा कर उसे पकाया जाता है जिससे उसके अंदर की सभी अशुद्धि नष्ट हो जाती है जो कि अग्नि का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में जल को परब्रह्म का प्रतीक माना जाता है, इसी कारण पति पत्नी अपने रिश्ते की पवित्रता के प्रतीक के रूप में इन पाचों तत्वों को साक्षी मानकर अपने सुखी जीवन की कामना करते हैं।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

लाईव विजिटर्स

37415342
Total Visitors
1156
Live visitors
Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम..."सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

अज्ञात वाहन की चपेट में आने से अधेड़ की मौत

अज्ञात वाहन की चपेट में आने से अधेड़ की मौत शाहगंज, जौनपुर। तहलका 24x7                नगर...

More Articles Like This