112 दवाओं की बिक्री पर लगा प्रतिबंध, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की सूची
लुधियाना।
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पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए करीब 112 दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने इन दवाओं को घटिया या खराब गुणवत्ता की घोषित किया था। पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए राज्य में इन दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इन प्रतिबंधित दवाओं की सूची भी जारी की गई है, जिसमें दवाओं के नाम, बनाने वाली कंपनी और उनके इस्तेमाल की जगह की जानकारी भी दी गई है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इन दवाओं के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि इन दवाओं को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने घटिया घोषित किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इन दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि ये दवाइयां CDSCO के गुणवत्ता और मानकों पर खरी नहीं उतर रही थीं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग लगातार तलाशी अभियान भी चला रहा है।

डॉक्टरों को भी इन दवाओं के बारे में सूचित कर दिया गया है और लोगों को भी इस बारे में जागरुक होना चाहिए।डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, किसी को भी लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।केंद्रीय एजेंसी ने कुछ ऐसी दवाओं की सूची बनाई है जो मरीजों के स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं थी, या जिनकी गुणवत्ता खराब थी, जिसके चलते पंजाब में इन दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सूची में दी गई दवाओं का इस्तेमाल किसी भी मरीज पर न किया जाए। अगर किसी भी दवा की दुकान पर इनमें से कोई भी दवा बेची जा रही है, तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। आपका स्वास्थ्य पंजाब सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इन दवाओं का इस्तेमाल हृदय, कैंसर, शुगर, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, संक्रमण, दर्द, सूजन, एनीमिया और मिर्गी जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

कुछ दिन पहले ही पंजाब सरकार ने 8 दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। इसमें कोल्ड्रिफ कफ सिरप भी शामिल है, जिसके कारण मध्य प्रदेश में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। सितंबर 2025 में जारी रिपोर्ट के अनुसार देश भर की केंद्रीय और राज्य स्तरीय प्रयोगशालाओं में 52 दवाइयां केंद्रीय स्तर पर और 60 दवाइयां राज्य स्तर पर मानकों पर खरी नहीं उतरीं। इनमें सबसे ज्यादा 49 दवाइयां हिमाचल प्रदेश, 16 गुजरात, 12 उत्तराखंड, 11 पंजाब, 6 मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों की हैं।पंजाब में तैयार 11 दवाओं के नमूने फेल हुए हैं। इन नमूनों की जांच के बाद संबंधित दवा कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन दवाओं से जुड़े बैचों को बाजार से हटाने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है।







