इंसानी स्लाटर हाऊस: बाराबंकी, जौनपुर के तमाम निजी अस्पताल सरकारी मानक के सौदागर बने!
# जौनपुर: सीएमओ के रजिस्टर में कुल 220 निजी अस्पताल, क्लीनिक, 104 पैथोलॉजी हैं पंजीकृत, बाकी 116 का पंजीकरण अधर में, जबकि सच्चाई इससे है अलग।
# केवल शहरी इलाके में ढाई सौ से ज्यादा हैं नर्सिंग होम, भर्ती मरीजों को बेंच लगाकर लूटा जा रहा, बेड पड़ रहे कम, स्वास्थ्य विभाग का छापा महज दिखावा, हर टेबल पर होती है वसूली।
कैलाश सिंह
विशेष संवाददाता
लखनऊ/जौनपुर/बाराबंकी
तहलका 24×7. पिछले दिनों जौनपुर के स्वास्थ्य विभाग ने माना कि 116 निजी अस्पताल और क्लीनिक पंजीकरण की लिस्ट से बाहर हैं, यानी उन्हें पेंडिंग लिस्ट में रखा है। विभाग का मानना है कि हमारे यहां 1 से 30 अप्रैल तक पंजीकरण का कार्य होता है। विभाग के मुताबिक 104 अस्पताल, क्लीनिक, पैथालॉजी पंजीकृत हैं। कमोबेस ऐसा ही हाल बाराबंकी समेत प्रदेश के अन्य जनपदों का भी है, यानी समूचे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग मानो लकवाग्रस्त हो गया हो।
गरीब मरीज जिला अस्पतालों में जाते हैं तो उन्हें बेहतर इलाज और ऑपरेशन का हवाला देकर निजी अस्पतालों वाले दलालों के हवाले कर दिया जाता है। पिछले दिनों मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रोफेशनल रक्तदाता और दलालों पर कड़ाई की जाए और पिछले साल उन्होंने कहा था कि झोलाछाप चिकित्सकों पर सख़्ती की जाए लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें नहीं खोज सका।इस रिपोर्ट में दो जिलों की बानगी दी जा रही है जो प्रदेशभर की स्थिति की गवाही के लिए काफी होगी।
बाराबंकी में चिकित्सकों की हालत बहुत दयनीय है, यहां हर मेडिकल क्लेम व री एम्बर्समेंट के लिए सीएमओ दफ्तर का बाबू पैसा वसूलता है, हालांकि वह अकेले नहीं खाता, बल्कि रकम ऊपर तक बनी चेन से पहुंचती है।आयुष्मान चिकित्सकों की नियुक्ति में पांच लाख और रिनीवल में हर साल एक लाख रुपये लिए जाते हैं, नीचे के कर्मचारियों की संविदा भर्ती में उनकी पांच सेलरी के बराबर रकम लिए जाने की चर्चा आम हैl हाल ही में प्रतापगढ़ के सीएमओ का स्टेनों वहीं के डिप्टी सीएमओ से घूस लेते गिरफ्तार किया गया हैl
यानी यह खेल प्रदेश के हर जिले में चल रहा हैl बाकी अगली कड़ी में इस सिलसिले की परत खुलेगीl जौनपुर की बानगी:विगत माह शहर के जेसीज चौराहा स्थित यथार्थ हास्पिटल को विभिन्न मानक के विरुद्ध पाए जाने पर सील कर दिया गया l छापे के दौरान इसका संचालक भागकर अपने आकाओं के पास पहुंचा, उनका फोन घनघनाते ही स्वास्थ्य विभाग की रफ्तार थम सी गईl तभी से इसके पंजीकरण व अन्य मानकों को लेकर मोल -भाव चलने की खबर शहर की फिज़ाओं में तैर रही हैl
इसके लिए दो बड़े दलाल लगे हैं, इनमें एक मेडिकल माफिया है और दूसरा ‘माननीय’ हैl उसी सील हुए अस्पताल के निकट एक पुराना नर्सिंगहोम है, जिसकी संचालक कथित महिला डॉक्टर ‘गर्भपात विशेषज्ञ’ है, यानी इस मामले में वह दो दशक से कुख्यात हैl बाबजूद इसके उसपर कभी कार्यवाही नहीं हुईl बीते 15 अगस्त को शहर से सटे गांव की युवा महिला प्रधान श्रीमती अहाना सिंह की डिलिवरी के दौरान ऑपरेशन के बाद मौत हो गई lस्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो मृतक अहाना को रक्त की कमी और एनेस्थीसिया संतुलित न दिया जाना उनकी मौत का प्रमुख कारण हो सकता हैl
परिजन गंभीर स्थिति को भांपकर हायर सेंटर ले जाने की बात कहते रहे लेकिन अस्पताल के संचालक ने उनकी एक नहीं सुनी, उन्हें छोड़ा तब जब वह दम तोड़ चुकी थीं lइसी तरह के अस्पतालों को ‘नीम- हकीम- खतरे- जान’ की संज्ञा दी जाती हैlजौनपुर शहर में तो ऐसे भी अस्पताल हैं जो चलते तो अस्थाई भवन में हैं, लेकिन उनके अघोषित नाम ‘मोबाइल ऑपरेशन थियेटर’ के रूप में कुख्यात हैंlपिछले साल शहर के ‘कथित स्लाटर हाउस नईगंज’ के रूप में मशहूर इलाके के एक कथित तकनीशियन और वार्ड ब्वाय के रूप में काम कर चुके दोनों ने एक प्रसूता का पेट चीरकर बेबी को निकाला और लहराकर उसका वीडियो बनाया, फिर उसे सोशल मीडिया में डालकर ‘गाइनी की विशेषज्ञता’ हासिल कर चुके पूर्वांचल के डॉक्टरों को चुनौती दे डालीl
स्वास्थ्य विभाग की नींद जब खबर पढ़कर टूटी तो उसे पकड़ने वाली टीम ने ही भगा दिया, क्योंकि वो मोटा हफ़्ता जो देते थेl वह बात भी दबा दी गई और आरोपियों का ‘मोबाइल ओटी’ दूसरी गली में चलने लगा, लेकिन अहाना के परिजन हार नहीं माने हैंl वह प्रदेश की राजधानी तक दौड़ लगा रहे हैंl भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डूबी नौकरशाही में न्याय की उम्मीद”पत्थर पर दूब’ उगाने सरीखी है, लेकिन वह परिवार पूरी ताकत से लगा हैl
इस जिले में झोलाछाप भी ‘ट्रामा सेंटर और मल्टी स्पेशियलिटी’ अस्पताल का बोर्ड लगाकर इलाज़ की दूकान धड़ल्ले से चला रहे हैंl पंजीकृत होना तो दूर उनके पास अस्पताल भवन के भी मानक नहीं पूरे हैंl सभी तहसीलों में रसअप्रशिक्षित बन्दे रेफरल सेंटर खोलकर बैठे हैं और वे स्वास्थ्य विभाग में हफ्ता देकर मरीजों को मारने में लगे हैंl,,,,,, क्रमशः