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Wednesday, May 8, 2024

गणतंत्र दिवस विशेषांक! आईये जानते हैं गणतंत्र दिवस के सन्दर्भ में कुछ रोचक तथ्य…

गणतंत्र दिवस विशेषांक! आईये जानते हैं गणतंत्र दिवस के सन्दर्भ में कुछ रोचक तथ्य…

स्पेशल डेस्क।
राजकुमार अश्क
तहलका 24×7
               तहलका 24×7 के सभी सुधी पाठकों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेरों बधाई… आइये जानते हैं गणतंत्र दिवस के संदर्भ में कुछ रोचक तथ्य..

संविधान दो शब्दों को मिलाने से बनता है सम+विधान जिसका अर्थ होता है सबके लिए एक विधान यानि बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए एक कानून.. किसी भी देश की न्यायपालिका, कार्यपालिका को अपनी कार्य प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक लिखित संविधान की आवश्यकता होती है, उस लिखित संविधान के नियमों का पालन करना उस देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होता है, संविधान अगर अपने नागरिकों को कुछ अधिकार देता है तो वही संविधान अपने नागरिकों को कुछ कर्तव्य से भी बाध देता है। विश्व के लगभग सभी देशों में अपना एक संविधान है जिसके अनुसार वहाँ की सरकार अपने शासन व्यवस्था को चलाती है उसी प्रकार भारत का भी अपना एक लिखित संविधान है जो विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान  है। भारतीय संविधान विविधताओं से भरा हुआ विश्व का अपनी तरह का अनूठा संविधान है इसे मूर्त रूप देने में दो साल ग्यारह महीने और अठ्ठारह दिन का समय लगा और 26 जनवरी सन् 1950 को इसे पूरे देश में लागू किया गया।
सही अर्थों में 26 जनवरी की नींव सरदार भगत सिंह के कारण सन् 1927 में ही पड़ गयी थी। सन् 1927 में भगत सिंह और हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन की भारतीय राजनीति में मांग बढ़ रही थीं इसी दौरान भगत सिंह ने कांग्रेस से अलग हो पूर्ण स्वराज की मांग रखी थीं जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में सन् 1929 को लाहौर में जो अधिवेशन सम्पन्न हुआ उस अधिवेशन में कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित करके इस बात की घोषणा की कि यदि अंग्रेजी सरकार 26 जनवरी सन1930 तक भारत को डोमीनियन का दर्जा नहीं देती है तो हम लोग स्वयं ही भारत देश को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगें इस प्रस्ताव के पारित होने के बावजूद भी अंग्रेज़ी सरकार की तरफ से कोई संतोष जनक कार्यवाही नहीं की गई तो कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया।
भारत की आज़ादी के बाद संविधान सभा की घोषणा की गई जिसने अपना कार्य 9 दिसम्बर सन् 1947 से शुरू किया। इतने बड़े देश के लिए संविधान का निर्माण करना कोई आसान काम नहीं था फिर भी इस कार्य से जुड़े नेताओं की दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन ने इस कार्य को पूरी लगन और मेहनत से 2 साल 11 महीना और 18 दिन में पुरा करके 26 नवम्बर सन् 1949 को संविधान सभा के अध्यक्ष डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद के सुपूर्द कर दिया। अनेकों प्रकार के बदलावों और सुधारों के द्वारा सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी सन् 1950 को संविधान की हस्तलिखित कापियों पर हस्ताक्षर किए, इसके ठीक दो दिन बाद 26 जनवरी सन् 1950 को इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया। भारतीय संविधान लागू होने से पहले भारत में वही कानून चल रहा था जो कानून अंग्रेज़ों ने अपने शासन काल में बनाया था।शायद संविधान को लागू करने का 26 जनवरी का दिन इसलिए भी चुना गया होगा क्यूँकि इसकी घोषणा सन् 1927 में सरदार भगत सिंह ने और सन् 1929 में कांग्रेस ने पहले ही कर दी थी।

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