35.1 C
Delhi
Friday, April 26, 2024

कांग्रेस की जड़ें हिलाने की तैयारी में अमरिंदर सिंह

कांग्रेस की जड़ें हिलाने की तैयारी में अमरिंदर सिंह

# भाजपा में नहीं होंगें शामिल, बनाएंगे अलग खेमा, बागी दिग्गज नेता बन सकते हैं सारथी

नई दिल्ली/पंजाब।
स्पेशल डेस्क
तहलका 24×7
                   22 साल से पंजाब में कांग्रेस को खींच रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह अब सूबे में पार्टी की जड़ें हिलाने की तैयारी में हैं। कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर अपने तीखे तेवर से अवगत करवा दिया है। फिलहाल कैप्टन भाजपा में शामिल नहीं होंगे लेकिन सूबे में कांग्रेस के नाराज वरिष्ठ नेताओं का एक बड़ा गुट तैयार कर हाईकमान और सूबे की कांग्रेस को जमीन पर गिरा सकते हैं।
कैप्टन की जहां अफसरशाही में खासी पकड़ थी तो वहीं सरकार के साथ-साथ उन्होंने संगठन पर भी अपना कब्जा बरकरार रखा था। कैप्टन के निकटवर्ती नेता अब सूबे में उन वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधने में लगे हैं, जिनको दरकिनार किया जा रहा है। राजिंदर कौर भट्ठल के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब कांग्रेस की कमान संभाली थी तो पार्टी जमीन पर थी।1997 में कांग्रेस के सिर्फ 14 विधायक जीते थे और भाजपा-अकाली दल का बोलबाला था।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी में जान फूंकी और 2002 में कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी को सत्ता में ले आए और 14 से सीधे 61 विधायक कांग्रेस के जीते। कैप्टन ने सबसे अधिक झटका भाजपा को दिया, जिनके सिर्फ तीन विधायक रह गए। 2007 में कांग्रेस का प्रदर्शन भी निराशाजनक नहीं रहा, कैप्टन के नेतृत्व में 44 विधायक कांग्रेस के जीते थे। इसके बाद कांग्रेस की कमान मोहिंदर सिंह केपी को मिली और बाद में प्रताप बाजवा को लेकिन दोनों कांग्रेस को सत्ता तक नहीं ला सके।
2012 में कांग्रेस के 46 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे लेकिन सत्ता नहीं मिली। हाईकमान ने दोबारा कैप्टन को कांग्रेस का प्रधान बनाया और 2017 में कैप्टन दोबारा कांग्रेस को सत्ता में ले आए और 77 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता संभाली तो प्रदेश की प्रधानी सुनील जाखड़ को मिली। संगठन और सरकार के बीच लगातार ताल-मेल रहा। हालांकि प्रताप बाजवा, अश्वनी सेखड़ी, सांसद शमशेर सिंह दूलो समेत कई नेता कैप्टन विरोधी रहे लेकिन सरकार व संगठन के बीच संतुलन बना रहा।
कैप्टन की अफसरशाही में पकड़ बेशक उनको मजबूत बनाती रही लेकिन आम कार्यकर्ताओं व नेताओं से उनकी दूरी बढ़ती चली गई। अब स्थिति बिल्कुल उलट है। सिद्धू प्रदेश प्रधान बनने के बाद सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा, शमशेर सिंह दूलो, अश्वनी सेखड़ी समेत कई नेता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सिद्धू व चन्नी की ताजपोशी के बाद जिस तेजी से वरिष्ठ नेताओं को किनारे किया गया है, उसको पूरी तरह से कैप्टन भुनाने की तैयारी में है।
सूत्रों के अनुसार कैप्टन की टीम ने सभी से संपर्क साध रखा है और कैप्टन कांग्रेस को छोड़ने के बाद अपना अलग खेमा तैयार करने जा रहा है। जाहिर है कि चुनावों में नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन के कई निकटवर्ती नेताओं को किनारे लगाकर उनकी टिकटों की कांट छांट कर सकते हैं, ऐसे में कैप्टन उन नेताओं व साथियों को अपनी टीम में शामिल करेंगे। कई नेता कैप्टन के चुनावी जहाज में सवार हो सकते हैं। कैप्टन के कई निकटवर्ती मंत्रियों की छुट्टी की गई है, जिसमें गुरप्रीत सिंह कांगड़, सुंदर शाम अरोड़ा, साधू सिंह धर्मसोत, बलवीर सिंह सिद्धू शामिल हैं। यह सभी सिद्धू से खासे नाराज चल रहे हैं। लिहाजा, कैप्टन ने नाराज नेताओं को अपना प्लेटफार्म देने की तैयारी शुरू कर दी है।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

लाईव विजिटर्स

37117107
Total Visitors
587
Live visitors
Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम..."सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

बाराती गाड़ियों पर मनबढ़ों ने किया हमला, तोड़ी गाड़ियां एक घायल

बाराती गाड़ियों पर मनबढ़ों ने किया हमला, तोड़ी गाड़ियां एक घायल सुइथाकला, जौनपुर।  उपेन्द्र सिंह  तहलका 24x7             ...

More Articles Like This