जौनपुर : पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर श्रद्धांजली सभा का आयोजन
त्रिलोचन।
दीपक श्रीवास्तव
तहलका 24×7
क्षेत्र अंतर्गत जंगी महाविद्यालय असबरनपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर एक श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रद्धा-सुमन करते हुए केराकत विधायक तूफानी सरोज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि शरद यादव आरक्षण के जनक थे। शरद यादव हमेशा पिछड़े दलितों की लड़ाई लड़ा करते थे। जब वह सदन में खड़े होकर पिछड़े दलित के हक अधिकार की मांग करते थे तो पूरे देश में उनकी आवाज गूंजती थी और सदन में पूरी तरह से सन्नाटा हो जाता था लोग बड़ी गंभीरता से उनकी बातो को ध्यान से सुनते थे कि शरद यादव बोल रहे हैं कोई नयापन सदन में आने वाला है। उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में सम्मानित किया गया था। आज भले शरद यादव हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनके कीर्ति हमेशा हमेशा के लिए अमर रहेगा।
शरद यादव के राजनीतिक जीवन का चरम बिंदु 1989 में तत्कालीन वीपी सिंह सरकार में मंत्री रहते हुए पिछडों को नौकरी व शिक्षा में आरक्षण की सिफारिश करने वाली मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू करवाना था और वीपी सिंह सरकार के मंत्रिमंडल में दो युवा सहयोगियों में शरद यादव और रामविलास पासवान ने उन पर दबाव डालकर आरक्षण लागू करवाया था। शरद यादव को भारत की राजनीतिक सामाजिक इतिहास में मुख्यतः समाजवाद की उस धारा को निर्णायक मोड़ देने के लिए याद किया जाएगा। जिसमें सामाजिक न्याय का मुद्दा आर्थिक समता से कहीं ज्यादा अहम था।
सामाजिक चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया कहा करते थें कि भारत में वर्ग संघर्ष वास्तव में जाति संघर्ष के रूप में है यानी जब तक जातिवाद नहीं मिटेगा, तब तक देश में आर्थिक समानता केवल सपना है। शरद यादव कट्टर समाजवादी थे।
श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से पूर्व सपा जिलाध्यक्ष डॉ अवधनाथ पाल, पूनम मौर्या, संजय राजभर, जियाउल हक, सुरेश यादव, हरिराम यादव, ईश पटेल समेत तमाम सपाजन मौजूद रहे।