प्रेसवार्ता के बाद फार्म में श्रीकला, विपक्ष में बेचैनी
जौनपुर।
एखलाक खान
तहलका 24×7
बसपा उम्मीदवार के पति व पूर्व सांसद धनंजय सिंह के जेल स्थानांतरण और इलाहाबाद हाइकोर्ट से मिली जमानत के बाद की श्रीकला धनंजय द्वारा की गई प्रेसवार्ता और और लोगों के मिल रहे समर्थन से विपक्ष में खासी बेचैनी है। भाजपा से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह और समाजवादी पार्टी से बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला धनंजय का बसपा से मैदान में आना सभी दलों के समीकरण को बिगाड़ दिया है।
बीते छह मार्च को पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जिस मामले में जेल भेजा गया, फ़िलहाल हाइकोर्ट ने उस मामले को यथावत जरूर रखा। लेकिन जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए बड़ी राहत दी। जमानत आदेश के चंद घंटे पूर्व ही दूसरी जेल में भेजने पर समर्थक सीधे तौर पर विपक्ष की चाल और बौखलाहट बता रहे हैं। नेशनल मीडिया पर जिस तरह से चर्चाओं का बाजार गर्म है उससे कहीं बेल पर बाहर आने के बाद बाद पुनः किसी मामले में अंदर कर दिया जाए, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है कि धनंजय के जेल जाने के बाद जब समर्थकों में इतना जोश है और श्रीकला पूरे दमख़म के साथ मैदान में डटीं हैं, धनंजय के बाहर आ जाने के बाद ये रफ्तार कई गुना अधिक बढ़नी तय है।नेशनल मीडिया में जो ख़बरें तैर रही हैं उसके हिसाब से श्रीकला को सबसे अधिक फायदा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा से राजपूतों की नाराजगी अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी दिखने लगी है।
जबकि लोकसभा में सर्वाधिक वोट बैंक में ब्राम्हण, क्षत्रिय, यादव, दलित और मुस्लिम एक दूसरे के टक्कर में हैं। यहां प्रत्याशियों के नजरिए से मुस्लिम वोट बैंक निर्णायक भूमिका निभा सकता है। अदर बैकवर्ड को यदि समाजवादी पार्टी अपनी ओर आकर्षित करने में कामियाब हुई तो इसका भारी नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है। जबकि दलित बसपा से कहीं और जाने को तैयार नही दिख रहे हैं। पूर्व सांसद धनंजय सिंह के कारण हर वर्ग के मतदाता बसपा प्रत्याशी श्रीकला टिकट मिलने के बाद जुड़ते दिख रहे हैं। फिलहाल चुनावी तापमान की सर्वाधिक ऊंचाई तो सभी प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने के बाद ही हासिल करेगी।