बरेली : छात्राओं के समर्थन में उतरे शहाबुद्दीन रिजवी
# कहा… हिजाब पहकर रैंप वॉक करना कोई जुर्म नहीं
बरेली, लखनऊ।
तहलका 24×7
मुजफ्फरनगर के श्रीराम कालेज में छात्राओं ने हिजाब पहनकर रैंप वॉक के बाद विवाद छिड़ गया है। जमियत उलमा ए हिंद व सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क के बयानों पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि हिजाब एक धार्मिक लिबास है। लिहाजा हिजाब को बहस का मुद्दा न बनाया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि जिस कार्यक्रम में लड़कियों ने हिजाब पहनकर रैंप वॉक किया वहां कोई मर्द शामिल नहीं था। सिर्फ महिलाओं का ही कार्यक्रम था, इसलिए उन बच्चियों के साथ रियायत दी जाएगी। शरीयत के लिहाज से हिजाब पहनकर रैंप वॉक करना इतना बड़ा जुर्म नहीं कि उन पर कानूनी और शरई कार्रवाई की जाए। विवाद वही लोग खड़ा कर रहे हैं जिन्हें शरीयत का ज्ञान नहीं है। बच्चियों ने अपने पूरे जिस्म को बहुत कायदे के साथ हिजाब से ढंक रखा था। इस्लाम ने महिलाओं को आजादी के साथ रहने सहने खाने पीने और सुरक्षा प्रदान किए जाने के नियम कायदे शरीयत में बताए हैं।
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने मुस्लिम धर्मगुरूओं के विरोध को सही बताते हुए कहा कि लड़कियों का ऐसा करना इस्लाम के आईन और कानून के खिलाफ है। उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसको लेकर लड़कियों के मां-बाप से भी बातचीत होनी चाहिए। मां-बाप से कहना चाहिए कि वह इन लड़कियों के खिलाफ एक्शन लें, उन्हें डांटें। हम लोग भी अपनी लड़कियों को समझाएं कि इस तरह की हरकतें करके इस्लाम को बदनाम न करें। उन्होंने आगे कहा कि फैशन-शो का मतलब यह नहीं है कि अपने दीन और मजहब को बदनाम किया जाए। हममें और दूसरों में क्या फर्क रह जाएगा। शफीकुर्रहमान ने कहा कि इस तरह के रैंप वॉक दोबारा नहीं होने चाहिए।