24 वर्ष पूर्व हत्या के मामले में पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा
आजमगढ़।
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हत्या के एक मामले में अदालत ने तीन आरोपियों में पिता व पुत्र को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया। जबकि इसी मामले के एक अन्य आरोपी को आयुध् अधिनियम के आरोप में चार वर्ष की कैद के साथ पांच हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। सोमवार को यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश रामानंद की अदालत ने सुनाई।
मुकदमे के अनुसार, थाना पवई के सुम्मीडीह गांव निवासी मुरली यादव ने 29 जून 1999 को स्थानीय थाने में घटना संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराया था। जिसमें आरोप है कि थाना फूलपुर के जगदीशपुर गांव निवासी दामाद लालबहादुर घटना की रात लगभग नौ बजे स्कूटर से सुम्मीडीह आ रहा था। चकिया तिराहा छज्जोपुर पट्टी के समीप पुरानी रंजिश को लेकर थाना फूलपुर के अंजान शहीद निवासी राधेश्याम यादव व इसका लड़का हरिप्रसाद व दो अन्य ने उसे घेर लिया और गोली मारकर हत्या कर दी।
मामले में पुलिस ने जांच कर राधेश्याम व इसके लड़के हरिप्रसाद व थाना सरायमीर के बेलारी इमाम अली निवासी सुबाष के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। मुकदमें के परीक्षण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता श्रीश चौहान ने कुल आठ गवाहों का पेश किया और तर्को को रखा। अदालत ने उभय पक्षों के तर्को को सुनने के बाद पिता-पुत्र को हत्या को दोषी पाया और उक्त सजा का निर्धारण किया। वहीं, सुबाष को आयुध अधिनियम का दोषी पाया और चार वर्ष की सजा के साथ पांच हजार का जुर्माना लगाया।