जौनपुर : नौनिहालों से गुलज़ार हुआ सूना पड़ा विद्यालय
शाहगंज। राजकुमार अश्क तहलका 24×7 कोरोना और ओमिक्रॉन जैसी वैश्विक महामारी के कारण पिछले दो महीनों से सुना पड़ा विद्यालय परिसर आज फिर से नौनिहालों के पदचापों से गुलज़ार हो गया। वैसे कक्षा 8 के ऊपर के विद्यालय तो पिछले हफ्ते ही खुल गयें थे, मगर छोटे बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने छोटे के विद्यालय 14 फरवरी से खोलने का निर्णय लिया था।
क्षेत्र के कुछ विद्यालय का भ्रमण करने पर देखा गया कि विद्यालयो में बच्चों की उपस्थिति अभी कुछ कम है जब इसकी बाबत जानकारी चाही तो पूर्व माध्यमिक की प्रभारी प्रधानाध्यापिका संगीता देवी ने बताया कि आज तो बच्चे अभी कम है मगर हमें विश्वास है कि आने वाले कुछ दिनों में यह संख्या बढ़ेगी और विद्यालय फिर अपने पूर्ण क्षमता से पठन पाठन का कार्य करने लगेगा।शिक्षकों की उपस्थिति के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सभी शिक्षक अपने काम के प्रति पूरी तरह से सजग रहते हैं और पूर्ण समर्पण के साथ बच्चों को शिक्षित करने का काम करते हैं। प्राईमरी पाठशाला की प्रधानाचार्या नीतू सिंह ने बताया कि बच्चों की उपस्थिति थोड़ी कम जरूर है मगर दो एक दिन में यह संख्या बढ़कर पूरी हो जाएगी।
स्कूल पहुंचाने आए कुछ अभिभावकों से जब सरकार के इस निर्णय के विषय में जानकारी चाही तो कुछ संतुष्ट आये तो कुछ नाराज़ भी मिले। एक अभिभावक ने बताया कि बच्चे राष्ट्र की संम्पति होतें है इस कारण उनकी सुरक्षा प्रथम होती है इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह निर्णय उचित ही लिया था कि जब तक हम पुरी तरह से संतुष्ट नहीं हो जाएगें तब तक छोटे बच्चों के प्रति कोई भी खतरा नहीं उठाएंगे। कुछ अभिभावकों ने ईश्वर से प्रार्थना करतें हुए कहा कि इस बीमारी से वो हम सबको जल्दी निजात दिलाएं जिससे बच्चों का भविष्य खराब न हो।
अब आगे देखना यह होगा कि जिस प्रकार से पिछले दो सालों से बच्चों के स्कूल कालेज बार-बार बंद करने पड़ रहें हैं उसका कितना असर बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा? पिछले साल दिसम्बर माह से बंद चल रहे छोटे बच्चों का स्कूल फिर से खुलने पर उपस्थिति कितनी हो पाती है? या फिर कितने अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल स्कूल की डगर पकड़ाने में सफल हो पाते हैं यह आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा।