28.1 C
Delhi
Friday, July 18, 2025

पांच बैंक मैनेजर व प्रोपराइटर पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करने का आदेश

पांच बैंक मैनेजर व प्रोपराइटर पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करने का आदेश

# जिस गोल्ड की जांच कर वादी को दिया गया 17 लाख का लोन, उसी गोल्ड को बाद में बताया गया जीरो कैरेट का

# बैंक के कब्जे में रहे गोल्ड की जांच कर दिए गए लोन की शुद्धता को लेकर बाद में खड़ा हुआ विवाद आश्चर्य जनक : कोर्ट

जौनपुर।
गुलाम साबिर
तहलका 24×7
            गोल्ड लोन के मामले में अनियमितता, धोखाधड़ी व जालसाजी कर वादी का सोना हड़पने के आरोप में सीजेएम श्वेता यादव ने पांच बैंक मैनेजर और प्रोपराइटर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश थानाध्यक्ष जाफराबाद को दिया।
पीड़ित विक्रांत सिंह निवासी हुसैनाबाद ने कोर्ट में बीएनएस की धारा 173(4) के तहत अधिवक्ता प्रशांत उपाध्याय के माध्यम से जालांस, पूजा पैलेस के निकट स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, वरिष्ठ प्रबंधक मुकेश कुमार, उप शाखा प्रबंधक राज गौरव सोनी, सीनियर मैनेजर भानु प्रताप सिंह, तत्कालीन शाखा प्रबंधक चेतना, मुख्य शाखा प्रबंधक मनीष कुमार जरिए मानव संसाधन विभाग तथा वाराणसी के वंदना ज्वेलर्स के प्रोपराइटर राकेश सेठ के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया कि वह मेडिकल एजेंसी संचालक है।
उसे व्यवसाय के लिए पैसे की आवश्यकता थी। तत्कालीन मैनेजर यूनियन बैंक आफ इंडिया कजगांव से 2022 में संपर्क किया।बैंक के गोल्ड अप्रेजर रहे मनीष कुमार सेठ से वादी के गोल्ड की शुद्धता कराई गई जो 22 कैरेट बताई गई, जिसका सर्टिफिकेट वादी के पास है। इस गोल्ड को बैंक द्वारा गिरवी रखकर 17 लाख रुपए गोल्ड लोन के रूप में स्वीकृत किया गया और गोल्ड लोन खाता को वादी के बचत खाता से संबद्ध किया गया।
बाद में बैंक कर्मियों द्वारा खुद को लाभ पहुंचाने के लिए बैंक के कागजात में कूटरचना, जालसाजी, हेराफेरी करके वादी के गोल्ड को हड़पने की नीयत से 20 जनवरी 2023 को वादी के गोल्ड का रिवैल्युएशन गोल्ड अप्रेजल राकेश कुमार से कराया, लेकिन इसकी सूचना वादी को नहीं दी गई। वादी की अनुपस्थिति में गोल्ड की शुद्धता की जांच करते हुए जीरो कैरेट बताया गया।वादी को 20 जनवरी 2023 को सूचित किया गया कि आपका सोना किसी काम का नहीं है।तत्काल लोन का संपूर्ण पैसा ब्याज सहित बैंक में जमा कर दें।
बैंक कर्मियों के दबाव में वादी ने 10 फरवरी 23 को संपूर्ण गोल्ड लोन की धनराशि ब्याज सहित बैंक में जमा किया। बैंक कर्मचारियों ने बैंक का 92 लाख का झूठा घाटा दिखाते हुए काल्पनिक कथानक के आधार पर धोखाधड़ी का मुकदमा लाइन बाजार थाने में दर्ज कराया गया, जिसके पीछे तत्कालीन ब्रांच मैनेजर मुकेश कुमार की मनसा थी कि वादी अपने गोल्ड की मांग न कर सके। गोल्ड लोन फ्रॉड के लिए उच्च अधिकारियों को बचाया जा सके। आरोपी बैंककर्मी वादी के 25 लख रुपए गोल्ड को हड़पना चाहते हैं। गोल्ड मांगने पर हत्या की धमकी देते हैं।
कोर्ट ने मामले का जिक्र करते हुए आदेश में लिखा कि गोल्ड को जीरो कैरेट बताया गया, जबकि गोल्ड बैंक के कब्जे में अनवरत रहा। बैंक ने प्रपत्रों की जांच करके लोन दिया, अब सोने की शुद्धता को लेकर विवाद खड़ा कर दिया। बैंक में अप्रेजल नियुक्त होते हैं जो प्रपत्रों की जांच करते हैं फिर यह गलती कैसे हुई? यह आश्चर्यजनक है! साथ ही मात्र अप्रेजर के आधार पर लोन कैसे दिया गया? दौरान बंधक रखे गए सोने के साथ ही कोई अदला बदली की गई है या नहीं यह पुलिस की विवेचना से ही संभव है। कोर्ट ने विधि व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज करने व विवेचना का आदेश दिया।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

Loading poll ...
Coming Soon
क्या आप \"तहलका 24x7\" की खबरों से संतुष्ट हैं?
क्या आप \"तहलका 24x7\" की खबरों से संतुष्ट हैं?

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम... "सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

UIDAI ने 1 करोड़ 17 लाख आधार नंबर किए डिएक्टिवेट   

UIDAI ने 1 करोड़ 17 लाख आधार नंबर किए डिएक्टिवेट नई दिल्ली। तहलका 24x7                ऐतिहासिक...

More Articles Like This