अफवाहों पर न दें ध्यान.. एक अप्रैल से नहीं मंहगा होगा यूपीआई से लेन-देन
नई दिल्ली।
स्पेशल डेस्क
तहलका 24×7
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के सर्कुलर का हवाला देते हुए कहा गया था कि 1 अप्रैल से यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) पर इंटरचेंज चार्ज लगाए जाने की तैयारी की जा रही है। इस मामले पर अब एनपीसीआई की ओर से अपना रुख साफ कर दिया गया है। एक प्रेस रिलीज जारी कर एनपीसीआई ने कहा है कि UPI ग्राहकों के लिए मुफ्त है।
# NPCI ने रिलीज जारी कर क्या कहा?
एनपीसीआई ने बुधवार को जारी रिलीज में कहा है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) फ्री… फास्ट… सुरक्षित और निर्बाध है। हर महीने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स और कारोबारियों के लिए 8 अरब रुपये से अधिक लेन-देन बिल्कुल फ्री संसाधित किए जाते हैं। NPCI की ओर से ये रिलीज उन खबरों के बाद जारी की गई है, जिनमें बताया गया था कि UPI से 2000 रुपये से ज्यादा मर्चेंट पेमेंट पर एक अप्रैल 2023 से 1.1 फीसदी का प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट PPI चार्ज वसूला जाएगा।
# मर्चेंट्स पर लागू इंटरचेंज शुल्क
एनपीसीआई ने साफ कर दिया है कि इंटरचेंज चार्ज मर्चेंट्स के लिए लागू होगा और ग्राहक के ऊपर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि हाल ही में PPI वॉलेट को इंटरऑपरेबल UPI इकोसिस्टम का हिस्सा बनने की अनुमति दी गई है। इसके तहत पेश किया गया इंटरचेंज शुल्क केवल पीपीआई मर्चेंट लेनदेन (PPI Merchant Transaction) के लिए लागू होते हैं और ग्राहकों के लिए कोई शुल्क लागू नहीं है। इसे स्पष्ट किया गया है कि बैंक खाता आधारित यूपीआई भुगतान फ्री है।
# PPI आखिर क्या है?
गौरतलब है कि देश में ज्यादातर पेमेंट्स यूपीआईके जरिए किए जाते हैं। UPI एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे ट्रांसफर का ऑप्शन देता है। वहीं बात करें पीपीआई (PPI) की तो ये एक तरह का डिजिटल वॉलेट ही है, जो यूजर को अपने पैसे स्टोर करने की सुविधा देता है।पेटीएम और फोनपे जैसी कंपनियां पीपीआई का ऑप्शन मुहैया कराती है।इंटरचेंज चार्ज पेमेंट सर्विस देने वाली कंपिनयों द्वारा वॉलेट जारीकर्ताओं जैसे कि बैंकों को दिया जाने वाला शुल्क है। इस तरह ये फीस लेन-देन को स्वीकार करने, संसाधित करने और अधिकृत करने की लागत को कवर करने के लिए लगाई गई है।
एनपीसीआई ने कहा कि यूपीआई के जरिए एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पेमेंट किए जाने पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके साथ ग्राहक के पास ये ऑप्शन होगा कि वे UPI आधारित ऐप पर बैंक अकाउंट, रूपे क्रेडिट कार्ड या प्रीपेड वॉलेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
# ग्राहकों के लिए ट्रांजैक्शन बिल्कुल फ्री
इस संबंध में एक्सपर्ट अनुज गुप्ता के मुताबिक, एनपीसीआई की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ग्राहक और मर्चेंट के बीच किया गया बैंक अकाउंट से बैंक अकाउंट ट्रांजैक्शन बिल्कुल फ्री रखा गया है। इसके साथ ही नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से साफ कर दिया गया है PPI चार्ज केवल मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर लागू होगा। किसी ग्राहक पर इसका बोझ नहीं बढ़ेगा यानी ग्राहक किसी मर्चेंट को जितना चाहे पेमेंट यूपीआई के जरिए कर सकता है और ये लेन-देन पूरी तरह फ्री रहेगा।
# ये है इंटरचेंज चार्ज का पूरा खेल
जिस इंटरचेंज चार्ज के बारे में बात की जा रही है, उसका भुगतान मर्चेंट की ओर से वॉलेट जारीकर्ता को किया जाएगा। इसे उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर कोई ग्राहक किसी दुकान से 2000 रुपये से ज्यादा की शॉपिंग करता है। ऐसे में वो ग्राहक उतनी ही रकम यूपीआई के जरिए ट्रांसफर करेगा जितने का खरीदा गया सामान है। इस दौरान अगर ग्राहक बैंक-टू-बैंक पैसे ट्रांसफर करता है, तो वो फ्री रहेगा. लेकिन अगर वो किसी वॉलेट में पैसे एड करके दुकान पर लगे UPI QR कोड को स्कैन करके ट्रांजैक्शन करता है, तो फिर एक अप्रैल के बाद ऐसे ट्रांजैक्शन में 1.1 फीसदी की राशि इंटरचेंज चार्ज के रूप में मर्चेंट के अकाउंट के काटी जा सकती है। कुल मिलाकर ग्राहकों पर इसका कोई असर नहीं होगा।
ग्राहक दुकानदार के स्कैन कोड के जरिए उसके जिस अकाउंट में यूपीआई से पैसे भेजेगा तो मर्चेंट को पेमेंट की गई रकम में से इंटरचेंज चार्ज संबंधित बैंक द्वारा काट लिया जाएगा। साफ शब्दों में कहें तो ये पूरी तरह मर्चेंट और बैंक से जुड़ा मामला है।