आपदा प्रबंधन में रिमोट सेंसिंग का महत्वपूर्ण योगदान : प्रो. जयंत
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भइया संस्थान स्थित अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंसेज विभाग द्वारा 05 से 11 अप्रैल से रिमोट सेंसिंग विषयक पर कार्यशाला कि शुरुआत शुक्रवार को हुई। कार्यशाला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से की जा रही है।
उदघाटन सत्र में कार्यशाला के मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जयंतनाथ त्रिपाठी ने कहा कि आपदा प्रबंधन में रिमोट सेंसिंग का महत्वपूर्ण योगदान है। आधुनिक तकनीक के इस उपकरण ने आपदा प्रबंधन की क्षमता को बढ़ा दिया है। रिमोट सेंसिंग के माध्यम से उपलब्ध डेटा का उपयोग कर आपदाओं की भविष्यवाणी, उनकी त्रुटि का पता लगाकर तत्काल कार्रवाई संभव हो पा रही है। उन्होंने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रयोग की जा रही अत्याधुनिक तकनीकों पर प्रकाश डाला।अध्यक्षता चेयरमैन आईक्यूएसी प्रो. मानस पांडेय ने की।
डा. सुधीर कुमार सिंह ने जल संरक्षण एवं पर्यावरण के क्षेत्र में रिमोट सेंसिंग की उपयोगिता पर चर्चा की। सायंकाल प्रायोगिक सत्र का संचालन डा. सौरभ सिंह ने किया, सेटेलाइट फोटो ग्राफी के उपयोग एवं उसके उपयोग के विभिन्न आयामों के विषय में विस्तार से बताया।
कार्यशाला में देश के विभिन्न प्रदेशों उत्तराखंड, दिल्ली, बिहार, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बंगाल, महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थान के छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रो. गिरिधर मिश्रा, डा. प्रमोद कुमार, डा. अजीत सिंह, डा. मिथिलेश यादव, डा. पुनीत धवन, डा. सुजीत चौरसिया, डा. नितेश जायसवाल, सौरभ सिंह आदि उपस्थित रहे।