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Monday, May 6, 2024

धूमधाम से मनाई गई महात्मा ज्योतिबा बाई फुले की जयंती 

धूमधाम से मनाई गई महात्मा ज्योतिबा बाई फुले की जयंती 

जौनपुर। 
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव 
तहलका 24×7 
             समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर भाजपा ओबीसी मोर्चा के नेतृत्व में जिला मुख्यालय स्थित एक होटल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रभारी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मछलीशहर राम विलास पाल ने की। उपस्थित भाजपा नेताओं ने महात्मा फुले की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि देश से छुआ-छूत खत्म करने और समाज को सशक्त बनाने में अहम किरदार निभाने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म आज के ही दिन पुणे में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले माली का काम करता था। वे सातारा से पुणे फूल लाकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करते थे इसलिए उनकी पीढ़ी ‘फुले’ के नाम से जानी जाती थी। उन्होंने आगे कहा कि ज्योतिबा फुले महान क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक एवं दार्शनिक थे। महाराष्ट्र में स्त्रियों की शिक्षा को लेकर लोग उदासीन थे, ऐसे में ज्योतिबा फुले ने समाज को इन कुरीतियों से मुक्त करने के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाए। उन्होंने महाराष्ट्र में सर्वप्रथम महिला शिक्षा तथा अछूतोद्धार का काम आरंभ किया था। उन्होंने पुणे में लड़कियों के लिए भारत की पहला विद्यालय खोला। लड़कियों और दलितों के लिए पहली पाठशाला खोलने का श्रेय ज्योतिबा को दिया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक न्याय और सामाजिक समरसता देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही केंद्र और उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार के लिए केवल कहने- सुनने की बात नहीं है, बल्कि यह हमारा एक कमिटमेंट है। गरीबों, वंचितों, पिछड़ों, आदिवासियों को सम्मान और समान अधिकार दिलाना महात्मा फुले का सपना था, हम उन्हीं के सपनों को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं। हमारी सरकार, उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए, सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ समाज के हर वर्ग तक विकास का लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित स्वतंत्र प्रभार खेल मंत्री गिरीश चन्द्र यादव ने कहा कि ज्योतिबा बाई फुले 19वीं सदी के सबसे बड़े समाज सुधारक के रूप में जाने जाते है उन्होंने सुधार आंदोलनों के अतिरिक्त हर क्षेत्र में छोटे-छोटे आंदोलन किये थे जिससे सामाजिक और बौद्धिक स्तर पर लोगों को परतंत्रता से मुक्ति मिला था। लोगों में नए विचार, नए चिंतन की शुरुआत हुई, जो आजादी की लड़ाई में उनके संबल बने। उन्होंने किसानों और मजदूरों के हकों के लिए भी संगठित प्रयास किया था। इस महान समाजसेवी ने अछूतोद्धार के लिए सत्यशोधक समाज स्थापित किया था। उनका यह भाव देखकर 1888 में उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि दी गई।
जिलाध्यक्ष मछलीशहर राम विलास पाल ने आये हुए अतिथियों और उपस्थित जनता का आभार व्यक्त करते हुये अपने अध्यक्षीय भाषण में महात्मा ज्योतिबा बाई फुले के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि कोई विरले ही होते है जो समाज में व्याप्त कुरीति से लड़कर उन्हे जड़ से उखाड़ने का प्रयास करते है और उसे मिटा कर ही दम लेते है और ऐसे ही विरले व्यक्तित्व के धनी थे महात्मा ज्योतिबा फुले जी। महात्मा ज्योतिबा फुले जी का 12 वर्ष में ही शादी सावित्री बाई से करवा दी गई। ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई फुले ने नारी जाति के हित में अपना पूरा जीवन लगा दिया और समाज में व्याप्त हो रही कुरीतियों को जड़ से उखाड़ दिया। ज्योतिराव ने सावित्री बाई फुले को न सिर्फ शिक्षित किया, बल्कि उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए इसे तैयार किया जैसे किसी सांचे से सोना तप कर तैयार होता है।
कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री पीयूष गुप्ता ने किया। इसके पहले पिछड़ा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल गुप्ता आये हुये मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का स्वागत पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से एमएलसी बृजेश सिंह, प्रमोद यादव, अवधेश यादव, राम सिंह मौर्य, महिला आयोग की सदस्य शशि मौर्या आदि उपस्थित रहे।

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