29 C
Delhi
Saturday, April 27, 2024

पीवी सिंधू हैं बड़े मंच की बड़ी खिलाड़ी, देश का नाम किया रोशन

पीवी सिंधू हैं बड़े मंच की बड़ी खिलाड़ी, देश का नाम किया रोशन

नई दिल्ली।
स्पेशल डेस्क
तहलका 24×7
              वह बड़े मैच में तनाव में आ जाती है, वह लगातार फाइनल हार रही है, वह फाइनल में हार की पहेली को सुलझा नहीं पा रही है, वह चोकर है..भले ही लोग इस समय पीवी सिंधू का गुणगान कर रहे हों लेकिन कुछ दिनों पहले तक उन्हें यह सब सुनना पड़ रहा था लेकिन वह चुनौतियों का सामना करती रहीं, कोर्ट पर डटी रहीं और जीतने के लिए जी जान लगा दी। इसका नतीजा है कि सिंधू ओलिंपिक में दो पदक जीतने वाली देश की दूसरी खिलाड़ी बन गई अब वह बड़े मंच की सबसे बड़ी खिलाड़ी हैं।

एक समय था जब साइना नेहवाल की जीत का शोर था। 2012 लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने बैडमिंटन में नई जान फूंक दी थी। उस समय सिंधू इस खेल की नई सनसनी बन रही थीं। सिंधू जहां जाती वहां पदक जीत लेती। देश को उनसे बड़े टूर्नामेंटों में पदक की आस होने लगी। वह भी किसी को निराश नहीं करतीं। उन्होंने 2013 और 2014 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और फिर 2017 और 2018 में रजत पदक अपने नाम किया। हालांकि बीच में एक खराब दौर आया जिससे उनका हौसला नहीं टूटा।

 

2009 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर पदार्पण किया था। उन्होंने हाल ही में स्वीकार भी किया था कि समय कब बीत गया पता ही नहीं चला। उनकी लंबाई को देखते हुए उन्हें इस खेल में आने के लिए प्रेरित किया गया। उनकी सबसे ज्यादा प्रतिद्वंद्विता स्पेन की कैरोलिना मारिन से है। हालांकि दोनों दोस्त भी हैं। रियो ओलिंपिक के फाइनल में वह मारिन से स्वर्ण पदक का मुकाबला गंवा बैठी थी और इस बार मारिन के नहीं होने से उनकी राह कुछ आसान मानी जा रही थी।

 

सिंधू को लेकर पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन अपर्णा पोपट ने कहा कि उनकी लंबाई अच्छी है और वह इसका फायदा उठाते हुए अच्छे स्मैश मारती हैं। वह छह फुट की हैं और शारीरिक तौर भी काफी मजबूत हैं। उनके साथ अच्छे कोच गोपीचंद भी रहे जिसका फायदा उन्हें मिला लेकिन उनके खेलने का तरीका काफी अच्छा है। नेहवाल का जूनियर स्तर पर प्रदर्शन शानदार रहा है तो सिंधू का खास अच्छा नहीं रहा।

 

नेहवाल ने 2006 में विश्व जूनियर में रजत और 2008 में स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, सिंधू का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2010 में क्वार्टर फाइनल तक रहा था लेकिन जैसे ही सिंधू 2011 में सीनियर स्तर पर आई तो उनका ग्राफ बढ़ता चला गया। 2011 में उनकी रैंकिंग शीर्ष 150 के आसपास थी लेकिन 2012 में वह 25वें स्थान पर आई। वह लंदन ओलिंपिक नहीं खेल पाई थी। चीन मास्टर्स में जब सिंधू ने ओलिंपिक चैंपियन ली झुई को हराया था तब उनके करियर को एक नया मोड़ लिया।

# सिंधू का उत्साह बढ़ाया था उनके पिता पीवी रमन्ना ने

सिंधू के माता-पिता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्हें सिंधू पर गर्व है। बेटी के कांस्य पदक जीतने पर पिता पीवी रमना ने भारत सरकार, बैडमिंटन महासंघ सहित सभी का धन्यवाद किया। पीवी रमना ने कहा, मैं सिंधू के पदक जीतने की वजह से काफी खुश हूं। आमतौर पर होता है कि जब आप तीसरे या फिर चौथे नंबर के लिए खेल रहे होते हैं तो काफी कष्टदायक होता है। इस वजह से मैंने शनिवार को उससे बात करके उसका उत्साह बढ़ाया। मैं खुश हूं कि वह पहली भारतीय महिला हैं, जिसने दो ओलिंपिक पदक जीते हैं।
सिंधू से बात करके मैंने कहा था कि तुमने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। उसने अच्छी वापसी की और पदक जीता। वह कोर्ट में ओवरआल काफी आक्रामक होकर खेली। ओलिंपिक कोई छोटा टूर्नामेंट नहीं है। फिर चाहे वह स्वर्ण, रजत या फिर कांस्य पदक ही क्यों ना हो। मुझे पूरा विश्वास है कि सिंधू अगला ओलिंपिक भी खेलेगी। वहीं, सिंधू की मां ने कहा कि हम उसके कांस्य पदक जीतने को लेकर काफी खुश हैं। वैसे तो हम स्वर्ण पदक चाहते थे, लेकिन ओलिंपिक में पदक जीतना उसके बराबर ही है। पदक तो पदक ही होता है।

# पहला गेम

सिंधू ने मुकाबले की अच्छी शुरुआत की। उन्होंने बिंग जियाओ की धीमी शुरुआत का फायदा उठाकर पहले गेम में 4-0 की बढ़त बनाई। इसके बाद उन्होंने तीन शाट नेट पर उलझाए। बिंग जियाओ ने शानदार रिटर्न शाट की बदौलत अगले सात में से छह अंक जीतकर 6-5 से बढ़त बना ली। सिंधू ने लंबी रैली के बाद क्रास कोर्ट स्मैश से अंक जुटाया और फिर चीन की खिलाड़ी के रिटर्न लौटाने में नाकाम रहने पर ब्रेक तक 11-8 की बढ़त बना ली। सिंधू ने ब्रेक के बाद अपनी बढ़त को 14-8 और फिर 18-11 तक पहुंचाया। सिंधू ने नेट के पास रिटर्न से अंक जुटाकर 20-12 के स्कोर पर आठ गेम प्वाइंट हासिल किए। बिंग जियाओ ने एक गेम प्वाइंट बचाया, लेकिन इसके बाद क्रास कोर्ट रिटर्न बाहर मार गईं, जिससे सिंधू ने पहला गेम 23 मिनट में 21-13 से जीत लिया।

# दूसरा गेम

सिंधू ने दूसरे गेम में भी 4-1 की बढ़त बनाई, लेकिन इसके बाद चीन की खिलाड़ी को वापसी का मौका दे दिया। बिंग जियाओ ने स्कोर 7-8 किया। सिंधू हालांकि क्रास कोर्ट स्मैश के साथ ब्रेक तक तीन अंक की बढ़त बनाने में सफल रहीं। ब्रेक के बाद सिंधू ने कुछ सहज गलतियां कीं। वह बिंग जियाओ के रिटर्न को लंबा समझकर छोड़ बैठीं, जबकि खुद लंबा रिटर्न किया, जिससे बिंग जियाओ वापसी करते हुए स्कोर 11-11 से बराबर करने में सफल रहीं। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद लगातार चार अंक के साथ 15-11 की बढ़त बना ली। सिंधू ने इसके बाद बिंग जियाओ को वापसी का मौका नहीं दिया। सिंधू ने क्रास कोर्ट स्मैश के साथ 20-15 के स्कोर पर पांच मैच प्वाइंट हासिल किए और फिर एक और क्रास कोर्ट स्मैश के साथ मैच जीतकर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।

भारत के अब बैडमिंटन में 3 ओलिंपिक पदक हो गए हैं। भारत ने लगातार तीसरे ओलिंपिक में बैडमिंटन में पदक जीता और इस तरह बैडमिंटन में ओलिंपिक पदक की हैट्रिक पूरी की। दो ओलिंपिक पदक जीतने वालीं पहली भारतीय महिला खिलाड़ी और कुल दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं पीवी सिंधू, जबकि भारतीय पुरुष खिलाडि़यों में पहलवान सुशील कुमार ने दो ओलिंपिक पदक अपने नाम किए हैं। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक और 2012 लंदन ओलिंपिक में रजत पदक जीता था।

# भारतीय महिला खिलाड़ियों के ओलिंपिक पदक

कर्णम मल्लेश्वरी, भारोत्तोलन, सिडनी 2000, कांस्य
साइना नेहवाल, बैडमिंटन, लंदन 2012, कांस्य
एमसी मेरी कोम, मुक्केबाजी, लंदन 2012, कांस्य
पीवी सिंधू, बैडमिंटन, रियो 2016, रजत
साक्षी मलिक, कुश्ती, रियो 2016, कांस्य
मीराबाई चानू, भारोत्तोलन, टोक्यो 2020, रजत
पीवी सिंधू, बैडमिंटन, टोक्यो 2020, कांस्य

टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहाई भी पदक पक्का कर चुकी हैं, लेकिन अभी उन्होंने पदक जीता नहीं है।

# बैडमिंटन में भारत के ओलिंपिक पदक

साइना नेहवाल, 2012 लंदन, कांस्य
पीवी सिंधू, 2016 रियो, रजत
पीवी सिंधू, 2020 टोक्यो, कांस्य

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

लाईव विजिटर्स

37122578
Total Visitors
639
Live visitors
Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम..."सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हर रूप में पूज्यनीय हैं श्रीकृष्ण जी महराज : प्रभाकर महराज

हर रूप में पूज्यनीय हैं श्रीकृष्ण जी महराज : प्रभाकर महराज जौनपुर।  विश्व प्रकाश श्रीवास्तव  तहलका 24x7             ...

More Articles Like This