यूट्यूबर मनीष कश्यप को मिला अभिनेता सोनू सूद का साथ, कह दी बड़ी बात
पटना।
तहलका 24×7
तहलका 24×7
बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप को बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता सोनू सूद का साथ मिल गया है। सोनू सूद ने ट्वीट कर मनीष कश्यप को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि मनीष ने हमेशा बिहार के लोगों के भले के लिए ही आवाज उठाई है।
ट्विटर पर सोनू सूद ने लिखा, ‘जितना भी मैं मनीष कश्यप को जानता हूं, उसने हमेशा बिहार के लोगों के भले के लिए ही आवाज़ उठाई है। हो सकता है उससे कुछ गलती भी हुई हो, पर यह बात मैं यकीन से कह सकता हूं कि वो देशहित के लिये ही लड़ा है। न्याय और कानून से ऊपर हमारे देश में कुछ नहीं. जो भी होगा सही ही होगा।’
बता दें मनीष कश्यप के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई है।यूट्यूबर के वकील द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार, तमिलनाडु और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूट्यूबर मनीष कश्यप की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई की। अलग-अलग राज्यों में दर्ज केस की सुनवाई एक जगह करने की मांग पर कोर्ट ने बिहार, तमिलनाडु और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
यूट्यूबर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत देने और सभी केसों की सुनवाई एक जगह करने की मांग की थी। बिहारी मजदूरों की कथित पिटाई का फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले में अभी वो तमिलनाडु पुलिस की हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस कृष्ण मुरारी और संजय करोल की पीठ ने यूट्यूबर के मामले की सुनवाई की। इस दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तमिलनाडु पुलिस का पक्ष रखा और आरोप को गंभीर बताया।सिब्बल ने कहा, फर्जी खबरों के कारण मौतें हुईं और यह कोई छोटी बात नहीं है।
वहीं मनीष कश्यप के वकील सिद्धार्थ दवे ने पीठ से कहा, उसे एक अदालत से दूसरी अदालत ले जाया जा रहा है। दवे ने सुप्रीम कोर्ट में मनीष कश्यप के बचाव में अर्नब गोस्वामी मामले का हवाला भी दिया। अब 21 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई होगी।
बताते चलें कि मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण के डुमरी महनवा गांव में हुआ। मनीष खुद को ‘सन ऑफ बिहार’ लिखता है। उसका असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है। अपने नाम के पीछे वो ‘कश्यप’ लगाता है।
हालांकि, ज्यादातर जगहों पर ‘मनीष’ लिखता है. उसकी शुरुआती शिक्षा गांव से ही हुई। उसने साल 2009 में 12वीं पास की। इसके बाद में महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय से उच्च शिक्षा पूरी हुई। मनीष ने साल 2016 में पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में BE किया। इसके दो साल बाद यूट्यूब चैनल बनाकर वीडियो बनाने लगा। साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में मनीष ने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया था। मनीष के पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रहे हैं।
# क्या था पूरा मामला?
सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि तमिलनाडु में रहने वाले बिहारियों के खिलाफ हमले हो रहे हैं, जिसमें दो बिहारी मजदूरों की मौत भी हो गई। सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट किए गए। इसके बाद तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के बीच दहशत का माहौल बन गया था। इन वीडियो को सच मानकर बिहार के मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया और मुख्य सचिव व डीजीपी को मामले की जांच का आदेश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 4 सदस्यीय टीम तमिलनाडु गई थी, जहां मामले की पड़ताल की गई।