राज खोलने वाले पर दर्ज हुआ केस, एनजीओ ने लगाए गम्भीर आरोप
नई दिल्ली।
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उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले की एक कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और उनके सब-ऑर्डिनेट वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला प्लेजेंट वैली फाउंडेशन नाम के एनजीओ की शिकायत पर दर्ज किया गया है। केस स्कैम के सबूतों को चोरी करने से जुड़ा है। बता दें कि ये वही अधिकारी हैं, जिन्होंने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले की पोल खोली थी।
प्लेजेंट वैली फाउंडेशन नाम के एक एनजीओ ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और उनके ऑफिस के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की।एनजीओ के मुताबिक, दादाकड़ा गांव में उनका एक स्कूल है। 14 फरवरी को इन अधिकारियों ने चार लोगों को भेजा था। इन सभी ने एनजीओ के संयुक्त सचिव के ऑफिस में तोड़फोड़ की। उनके यहां से अलग-अलग फाइलें, रिकॉर्ड, दस्तावेज और पेन ड्राइव लेकर चले गए। इनमें दिल्ली के संयुक्त सचिव और उनके कार्यालय के कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के सबूत थे।
भ्रष्टाचार के बारे में खुलकर बोलने पर एनजीओ के अधिकारियों को झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी। इनकी तरफ से कहा गया कि अगर उनके खिलाफ विजिलेंस विभाग और अन्य फोरम में दर्ज की गई शिकायतों को वापस नहीं लिया गया तो एनजीओ के अधिकारियों को झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा। यहां तक कि इन अधिकारियों ने अपने साथ लाए गए डॉक्यूमेंट पर साइन कराने की भी कोशिश की थी। ऐसा नहीं करने पर ऑफिस चैंबर में रखे हुए 63 हजार रुपये भी ले गए।
बाद में जब एनजीओ ने सीधे कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्च ने दो मार्च को शिकायत स्वीकार कर ली और रेवेन्यू पुलिस सब-इंस्पेक्टर को मामले की जांच करने का आदेश दिया। दिल्ली के मुख्य सचिव के खिलाफ चोरी, आपराधिक अतिक्रमण, आपराधिक साजिश, जानबूझकर अपमान और शांति भंग करने का प्रयास, आपराधिक इरादा की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। इसके अलावा पीपुल्स एंड ट्राइब्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।