सुल्तानपुर : दूबेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्व्यवस्थाओं के मकड़जाल में
# मरीजों को करना पड़ता है चिकित्सकों का इन्तजार, प्रसूता घर से मंगाती है भोजन
सुल्तानपुर।
ज़ेया अनवर
तहलका 24×7
ग्रामीणांचल की गरीब जनता को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा मिले, इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की गई है। चिकित्सकों, कर्मचारियों की मनमानी से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। जिले के सबसे बड़े ब्लाक दूबेपुर की अत्याधुनिक सीएचसी की बुधवार को पड़ताल की गई तो हकीकत सामने आ गई। यहां ज्यादातर चिकित्सक गायब रहे, प्रसूताओं को घर से भोजन मंगवाना पड़ा।
# चिकित्सक का इंतजार करते मरीज
आयुष के प्रति निर्भरता बढ़ने के चलते शासन की तरफ से सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष विग की स्थापना कर चिकित्सकों की तैनाती की गई। सुबह आयुष कक्ष खुला था, लेकिन यहां तैनात डाक्टर प्रदीप कुमार कुर्सी पर नहीं थे। पर्चा बनवाने के बाद लोग बैठकर उनके आने का इंतजार कर रहे थे। बगल के कक्ष में चिकित्सक डाक्टर आलोक कुमार आए हुए मरीजों को देख रहे थे। चिकित्सक मोहम्मद अबरार भी मौके पर नहीं थे।
# कक्षों में लटकता मिला ताला
अस्पताल में छुट्टी जैसा माहौल था। योग कक्ष, आपातकालीन कक्ष, फैमिली प्लानिग रूम समेत अन्य कई कक्षों में ताला लटक रहा था। जिम्मेदारों के गायब रहने से माहौल छुट्टी जैसा दिखा। सीएचसी प्रभारी डा. एपी त्रिपाठी की कुर्सी भी खाली रही। पूछने पर बताया गया कि कुछ तो फील्ड में हैं और कुछ मीटिंग में शामिल होने के लिए शहर गए हुए हैं।
# मुख्य गेट बना वाहन स्टैंड
सीएचसी का मुख्य गेट बंद होने से लोगों को आपातकालीन द्वार से अस्पताल में दाखिल कराया जाता है। द्वार छोटा व पास में ही पर्चा काउंटर होने की वजह से भीड़ हो जाती है। इससे अस्पताल में दाखिल होने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मुख्य गेट के सामने चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी वाहन खड़ा करते हैं।
# प्रसूताओं के खान-पान की व्यवस्था बेपटरी
प्रसूताओं को खानपान की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। फिरोजपुर कला की प्रसूता नीतू ने बताया कि न तो अस्पताल की तरफ से नाश्ता दिया जाता है और न ही खाना। घर से भोजन मंगाना पड़ता है। मौके पर दो प्रसूताएं अस्पताल में भर्ती हैं।
# जांच व दवाओं के वितरण की व्यवस्था ठीक
दवा वितरण केंद्र पर मरीजों की लाइन लगी रही। फार्मासिस्ट द्वारा सभी को बारी-बारी दवाएं दी जा रही थीं। वहीं एसएलटी प्रेमचंद्र पैथोलाजी कक्ष में लोगों की जांचकर रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। सीएचसी प्रभारी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन काल रिसीव नहीं किया।