अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा, मायावती ने कहा तैयारी पूरी, पार्टी करेगी बेहतर प्रदर्शन
नई दिल्ली।
तहलका 24×7
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने घोषणा की पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव पूरी तैयारी और ताकत के साथ स्वतंत्र रुप से लड़ेगी।बसपा नेता मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि दिल्ली विधानसभा के लिए आम चुनाव 5 फरवरी को एक चरण में होंगे। इस संबंध में चुनाव आयोग की ओर से की गई घोषणा स्वागतयोग्य है। बसपा यह चुनाव अपने दम पर पूरी तैयारी और ताकत के साथ लड़ रही है। उम्मीद है कि पार्टी इस चुनाव में जरुर अच्छा प्रदर्शन करेगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ हैं और हाशिये पर पड़े लोगों के उत्थान के लिए समर्पित एक पार्टी के रुप में हम चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने की उम्मीद करते हैं कि ये चुनाव सांप्रदायिकता और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग सहित अन्य नकारात्मक प्रभावों से मुक्त हो, साथ ही मतदाताओं से अपील भी की। जिसमें आग्रह किया कि वे अन्य दलों के लुभावने वादों से प्रभावित न हों और बसपा उम्मीदवारों को समझदारी से वोट दें। यहीं पर जनता और राष्ट्रहित निहित और सुरक्षित है।
गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी। दिल्ली में चुनाव एक ही चरण में 5 फरवरी को होंगे, जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। वहीं नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 17 जनवरी है। इसके अलावा नामांकन की जांच की तारीख 18 जनवरी और उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 20 जनवरी है।भारतीय जनता पार्टी ने आप नेताओं पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया है, जबकि लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का लक्ष्य रख रही आप शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों को बताने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
नई दिल्ली सीट से भाजपा ने अरविंद केजरीवाल को चुनौती देने के लिए पूर्व सांसद और दिल्ली के पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है। वहीं कालकाजी सीट से दिल्ली सीएम आतिशी के खिलाफ बीजेपी ने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व विधायक अलका लांबा को मैदान में उतारा है। दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में करारा झटका लगा और वह एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है।इसके विपरीत “आप” ने 2020 के विधानसभा चुनावों में 70 में से 62 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया, जबकि भाजपा को केवल आठ सीटें मिली थी।