अब्बास अंसारी की विधान सभा सदस्यता को लेकर ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव में सियासी जंग
गाजीपुर।
तहलका 24×7
अब्बास अंसारी के विधायकी को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बीच सियासी जंग चल रही है। इस सियासी जंग की राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि किस मकसद से सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन धर्म को किनारा करते हुए अदालत के फैसले के बाद तुरंत अब्बास अंसारी के लिए बयान जारी करते हुए कहा कि अब्बास अंसारी सुभासपा के विधायक हैं और निचली अदालत के फैसले का उनकी पार्टी हाईकोर्ट में अपील करेगी।

ओमप्रकाश राजभर के बयान जारी होते ही यूपी की सियासत गरमा गयी। राजनीतिक पंडित इस बयान की अलग-अलग चश्मे से व्याख्या करने लगे। अंदरखाने में यह कयास लगाया जाने लगा कि सुभासपा और भाजपा गठबंधन अब कमजोर पड़ने लगा है। कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर इसीलिए अब्बास अंसारी के समर्थन में बयान जारी किये। इस बयान के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मौके की नजाकत को देखते हुए प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि अब्बास अंसारी की विधायकी जानबूझ कर खत्म की गयी है। यह एक सोची समझी रणनीति है। सपा अपने विधायक की लड़ाई लड़ेगी।

अखिलेश यादव का बयान आने के बाद अब सियासत और गरमा गयी। अब्बास अंसारी किसके पाले में हैं सपा या सुभासपा के? दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष किस राजनीतिक लाभ के लिए अब्बास का समर्थन कर रहे हैं। इस संदर्भ में सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुन राजभर ने बताया कि मीडिया ने कैबिनेट मंत्री श्री राजभर का बयान तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत किया है। हमारी पार्टी अपने सिम्बल के लिए हाईकोर्ट जायेगी।