आधुनिक शिक्षा के साथ दीनी तालीम लेना जरूरी : मौलाना वसीम शेरवानी
# जलसे में हिफ़्ज के 22 छात्रों की हुई दस्तार बन्दी
शाहगंज, जौनपुर।
एखलाक खान
तहलका 24×7
उसरहटा के आजाद स्थित एदारा उलूम इस्लामिया के मस्जिद कूवतुल इस्लाम में बुधवार को जलसे का आयोजन किया गया। जिसमें हाफिज की पढ़ाई पूरी कर चुके 22 छात्रों की दस्तारबंदी की गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में क्षेत्र व समाज के गणमान्य और छात्रों के परिजन मौजूद रहे।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में मौलाना वसीम शेरवानी उपस्थित रहे। जलसे की शुरुआत कुरान-ए-पाक की तिलावत से हुई, इसके पश्चात मौलाना वसीम शेरवानी ने जलसे को सम्बोधित करते हुए कहा कि मॉडर्न शिक्षा के साथ धार्मिक इल्म भी सीखना चाहिए।
इससे बच्चा जब दुनिया के किसी विभाग में काम के लिए जाएगा तो न्याय करेगा न कि रिश्वत लेगा और भ्रष्टाचार करेगा। इल्मदीन पर जोर देते हुए कहा कि एक हाथ में साइंस तो दूसरे हाथ में कुरान होना चाहिए। जिससे सही मार्ग पर चलते हुए देश की तरक्की में बच्चा अहम योगदान देगा, जिसे देश और प्रदेश विकास की तरफ अग्रसर हो सके। उन्होंने दस्तारबंदी की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दस्तारबंदी न केवल धार्मिक शिक्षा पूर्ण होने का प्रतीक है, बल्कि बच्चों को सही मार्ग पर चलने और समाज में सकारात्मक योगदान देने की प्रेरणा भी देती है।
इस दौरान लगभग दो दर्जन बच्चों को पगड़ी बांधकर सम्मानित किया गया, उनके धार्मिक सफर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव को दर्शाती है। वही जलसे में मदसरा के सेक्रेटरी मिर्ज़ा अजफर बेग ने जलसे को सम्बोधित करते हुए कहा कि दस्तारबंदी बच्चों की मेहनत, उनके परिवार की दुआओं और समुदाय के सहयोग का परिणाम है। यह उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रोत्साहित करता है। कार्यक्रम के अंत में देश-दुनिया में अमन, चैन और शांति के लिए दुआएं की गई।
इस अवसर पर अब्दुल मुनीम खां, हाफ़िज अबू सहमा, डॉ. अलाउद्दीन खान, एजाज़ अहमद, डॉ. अबू उमर, अल्तमश बरलास, हाफिज जफर, डॉ. शादाब, प्रधनाचार्य नौशाद अहमद, मौलाना फरीद, आरिफ व अरशद आदि मौजूद रहे।