गाजीपुर : आकड़ों के झोल के चलते खुली एम्बुलेंसों के दौड़ की पोल
# एक माह में एम्बुलेंस पोर्टल 23341 मरीजों को पहुंचाने का कर रहा दावा
# स्वास्थ्य विभाग के पास महज 11752 मरीजों को पहुंचाने का आंकड़ा
खानपुर।
अंकित मिश्रा
तहलका 24×7
सैदपुर ब्लॉक अंतर्गत चलने वाली सरकारी एम्बुलेंस भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। हॉस्पिटल के कागजों मे एम्बुलेंस प्रतिदिन 10 चक्कर लगा रही तो वहीं एम्बुलेंस के पीसीआर में एम्बुलेंस 15 चक्कर लगा रही है जी हाँ… जिसको हम अपनी जीवनदायिनी रक्षक के नाम से जानते हैं असलियत मे वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। 108 और 102 से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया है। इनमें फर्जी घायलों, मरीजों और गर्भवती महिलाओं के नाम पर जमकर घोटाला किया गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी एम्बुलेंस से ढोये गये मरीज और स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज किये गये मरीजों के आंकड़ों को खंगालने में जुट गए हैं।
मरीजों को आराम दायक निःशुल्क स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी लक्ष्य पूरा करने के लिए मरीजों को पीएचसी, सीएचसी समेत हायर सेंटर पहुंचाती हैं। इसके एवज सरकार से भुगतान लिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सैदपुर क्षेत्र में 108 की आठ एंबुलेंस और 102 की 11 एंबुलेस सहित जिले भर में कुल 79 एम्बुलेंस संचालित हैं। ये पीएचसी, सीएचसी से मरीजों को हायर सेंटर भेजने के लिए इस्तेमाल में आती हैं। एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी को भुगतान का आधार एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाए मरीजों की संख्या पर आधारित है। एंबुलेंस 102 और 108 काफी समय से मरीजों, घायलों और प्रसूताओं के नाम फर्जी पीसीआर में भरकर सरकार से भुगतान प्राप्त कर रही है।
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी से फरवरी, मार्च व अप्रैल के आंकड़ों का मरीजों, घायलों और प्रसूताओं के पीसीआर में दर्ज आधार कार्ड नंबर के साथ मोबाइल नंबर का मिलान कराने के आदेश दिए हैैं। वहीं क्षेत्र खानपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले अप्रैल माह से लेकर पंद्रह मई तक कुल 114 मरीजों को एम्बुलेंस की मदद इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया हैं तो वहीं एम्बुलेंस के पीसीआर का कुछ अन्य ही रिकार्ड बता रहा हैं।
